$100\, V$ विभवान्तर द्वारा विरामावस्था से त्वरित एक इलेक्ट्रॉन तथा $\alpha $-कण के संवेगों का अनुपात है
$1$
$\sqrt {\frac{{2{m_e}}}{{{m_\alpha }}}} $
$\sqrt {\frac{{{m_e}}}{{{m_\alpha }}}} $
$\sqrt {\frac{{{m_e}}}{{2{m_\alpha }}}} $
निम्न चित्र में एक बिन्दु आवेश को बिन्दु $P$ से $A$, $B$ तथा $C$ तक लाने में कार्य क्रमश: $W_A$, $W_B$ तथा $W_c$ ,है, तब
एक इलेक्ट्रॉन को दूसरे इलेक्ट्रॉन की ओर लाने पर निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा
धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश निर्देशित $30 \mathrm{NC}^{-1}$ मान के किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में $2 \times 10^{-2} \mathrm{C}$ का एक बिन्दु आवेश बिन्दु $\mathrm{P}$ से $\mathrm{S}$ पर जाता है। यदि $\mathrm{P}$ एवं $\mathrm{S}$ के निर्देशांक क्रमशः $(1,2,0) \mathrm{m}$ एवं $(0,0,0) \mathrm{m}$ हैं, तो $.........\,mJ$ प्रक्रम मे विद्युत क्षेत्र द्वारा किए गए कार्य का मान होगा।
प्रोटॉन इलेक्ट्रॉन से लगभग $1840$ गुना भारी है। जब इसे $1\, kV$ विभवान्तर से त्वरित किया जाता है तो इसकी गतिज ऊर्जा .......$keV$ होगी
छः आवेशों $+ q - q + q .- q$, $+ q$ एवं $- q$ को $d$ भुजा वाले एक षटभुज के कौनो पर चित्रानुसार लगाया गया है। अनन्त से आवेश $q _0$ को षटभुज के केन्द्र तक लाने में किया गया कार्य है :
( $\varepsilon_0$ - मुक्त आकाश का परावैद्युतांक)