त्रिज्या $R$ के एक ठोस गोले पर आवेश $Q + q$ सम्पूर्ण आयतन पर एकसमान रूप से वितरित है। द्रव्यमान $m$ का एक अत्यतं बिन्दु समान छोटा टुकड़ा इस गोले की तली से अलग होकर गुरूत्वीय क्षेत्र के अंतर्गत ऊर्ध्वाधर नीचे गिरता है। इस टुकड़े पर आवेश $q$ है। यदि ऊर्ध्वाधर ऊँचाई $y$ से गिरने पर इस टुकड़े की चाल $v$ हो जाती है (चित्र देखिये) तो : (मान लें शेष भाग गोलीय हैं)
$v^{2}=2 y\left[\frac{q Q}{4 \pi \epsilon_{0} R(R+y) m}+g\right]$
$v^{2}=y\left[\frac{q Q}{4 \pi \epsilon_{0} R^{2} y m}+g\right]$
$v^{2}=2 y\left[\frac{q Q R}{4 \pi \epsilon_{0}(R+y)^{3} m}+g\right]$
$v^{2}=y\left[\frac{q Q}{4 \pi \epsilon_{0} R(R+y) m}+g\right]$
जब एक प्रोटॉन $1\,V$ से त्वरित किया जाता है तो इसकी गतिज ऊर्जा .......$eV$ हो जायेगी
चित्र में दो समान्तर समविभवी पृष्ठ $A$ और $B $ दिखाये गये हैं। उनके बीच की दूरी $r$ है। एक $-q $ कूलॉम का आवेश पृष्ठ $A$ से $B$ पर ले जाया जाता है। किया गया परिणामी कार्य होगा
विरामावस्था से एक बिन्दु धन आवेश को एक एकसमान घनत्व के धनात्मक रेखीय आवेश से $r _{0}$ दूरी पर छोड़ते हैं। बिन्दु आवेश की चाल $( v )$ रेखीय आवेश से तात्क्षणिक दूरी $r$ के फलन के रूप में समानुपाती होगी :-
किसी वृत्त के केन्द्र पर $10$ इकाई का आवेश रखा है। वृत्त की त्रिज्या $10\,m$ है। $1$ इकाई के आवेश को वृत्त की परिधि पर घुमाने में किया गया कार्य .......इकाई होगा
एक बिन्दु आवेश $q$ को $r$ त्रिज्या वाले एक वृत्त में $Q$ आवेश के चारों ओर घुमाने में किया गया कार्य होगा