एक ही पदार्थ की बनी दो धात्विक छड़ों के व्यासों का अनुपात $2 : 1$ है तथा उनकी लम्बाइयों का अनुपात $1 : 4$ है। यदि उनके सिरों के बीच तापान्तर समान हो, तो उनमें ऊष्मा प्रवाह की दरों का अनुपात होगा
$2:1$
$4:1$
$8:1$
$16:1$
दो धात्विक टुकड़े $M _1$ और $M _2$ (समान अनुप्रस्थकाट क्षेत्र वाले) चित्रानुसार जुड़े है। यदि $M _2$ की तापीय चालकता $K$ है तो $M _1$ की तापीय चालकता $.........K$ होगी : [स्थायी अवस्था ऊष्माचालन मानें।]
एक धातु की प्लेट की मोटाई $0.4$ सेमी है। इसके दोनों पृष्ठों के मध्य तापों का अन्तर ${20^o}C$ है। इसके $5$ सेमी $2$ क्षेत्रफल से $50$ कैलोरी प्रति सैकण्ड ऊष्मा संचरित होती है। प्लेट का ऊष्मा चालकता गुणांक है (मात्रक $CGS$ में)
$R$ त्रिज्या के बेलनाकार छड़ के पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक ${K_1}$ है। इसे एक अन्य ${K_2}$ ऊष्मा चालकता गुणांक के भीतर बेलनाकार खोल में रखा गया है, इसकी आन्तरिक त्रिज्या $R$ और बाह्य त्रिज्या $2R$ है। दोनों बेलनों के सिरों को (संयुक्त रूप से) विभिन्न तापों पर रखा गया है, उनके पृष्ठों से ऊष्मा हानि नहीं होती है और निकाय स्थायी अवस्था में है, तो निकाय की संयुक्त ऊष्मा चालकता होगी
समान लम्बाई एवं समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाली दो छड़ों को एक साथ जोडा जाता है, जिसमें एक ताँबे से बनी है एवं दूसरी स्टील से। ताँबे एवं स्टील की ऊष्मीय चालकता क्रमशः $385\,J\,s ^{-1}\,K ^{-1}\,m ^{-1}$ एवं $50\,J\,s ^{-1}\,K^{-1}\,m ^{-1}$ है। ताँबे एवं स्टील के मुक्त सिरों को क्रमशः $100^{\circ}\,C$ एवं $0^{\circ}\,C$ पर रखा जाता है। संधि पर तापमान लगभग होगा $.......^{\circ}\,C$
ठंडी सुबह में, धातु की सतह लकड़ी की तुलना में अधिक ठंडी महसूस होती है क्योकि