अभिक्रिया $2FeC{l_3} + SnC{l_2} \to 2FeC{l_2} + SnC{l_4}$ उदाहरण है
प्रथम कोटि की अभिक्रिया का
द्वितीय कोटि की अभिक्रिया का
तृतीय कोटि की अभिक्रिया का
इनमें से कोई नहीं
डाईएजोनियम लवण निम्न प्रकार से विघटित होता है
${C_6}{H_5}N_2^ + C{l^ - } \to {C_6}{H_5}Cl + {N_2}$
${0\,^o}C$ ताप पर लवण की प्रारम्भिक सान्द्रता को दुगना कर देने पर ${N_2}$ का निष्कासन दुगना हो जाता है। अत: यह अभिक्रिया है
एक अभिक्रिया जिसमें दो विभिन्न अभिकारक अंतर्निहित हैं
निम्न में से कौन छद्म एकल आण्विक अभिक्रिया का उदाहरण है
अभिक्रिया के बलगतिकी अध्ययन के दौरान निम्नलिखित परिणाम प्राप्त हुए
$2A+B$ $\to$ उत्पाद
प्रयोग |
$[A]$ ($mol\, L^{-1})$ |
$[B]$ ($mol\, L^{-1})$ |
प्रतिक्रिया की प्रांरभिक दर ($mol\, L^{-1}\,min^{-1})$ |
$I$ | $0.10$ | $0.20$ | $6.93 \times {10^{ - 3}}$ |
$II$ | $0.10$ | $0.25$ | $6.93 \times {10^{ - 3}}$ |
$III$ | $0.20$ | $0.30$ | $1.386 \times {10^{ - 2}}$ |
वह समय-जब $A$ की सांद्रता आधी होती है, वह है-(मिनिट में)
यदि अभिकारकों के पृष्ठ के क्षेत्रफल (Surface area) में वृद्धि होती है तो सामान्यत: अभिक्रिया की कोटि