चुम्बकत्व का अंत्य व्यैक्तक अनुभाग (Ultimate endividual unit) कहलाता है
उत्तरी ध्रुव
दक्षिणी ध्रुव
द्विध्रुव
चतुध्रूव
एकल धु्रव विद्यमान नहीं होते
दो छोटे चुम्बक जिनके अक्ष क्षैतिज और चुम्बकीय याम्योत्तर के लम्बवत् हैं और उनके केन्द्र बिन्दु चुम्बकीय सुई के क्रमश: $40$ सेमी पूर्व तथा $50$ सेमी पश्चिम में हैं । यदि सुई में कोई विक्षेप नहीं है, तो उनके चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात ${M_1}:{M_2}$है
एक लघु चुम्बक के अक्ष पर $x$ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता $9$ गॉस है। इसकी निरक्ष पर $\frac{x}{2}$ दूरी पर तीव्रता …..गॉस होगी
एक छोटे छड़ चुम्बक के अक्ष पर स्थित बिन्दु $x$ पर चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता उसी चुम्बक के निरक्षीय रेखा पर स्थित बिन्दु $ y $ पर क्षेत्र तीव्रता के बराबर है । चुम्बक के केन्द्र से $x$ और $ y$ की दूरियों का अनुपात है
विषुवत रेखा पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण लगभग $0.4\, G$ है। पृथ्वी के चुंबक के द्विध्रुव आधूर्ण की गणना कीजिए।
एक लघु छड़ चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को पृथ्वी के उत्तर की ओर रखने पर उदासीन बिन्दु क्षैतिज तल में किसी बिन्दु $P $ पर मिलता है। यदि चुम्बक को क्षैतिज तल में $90°$ से घुमा दिया जाये तो बिन्दु $P$ पर कुल चुम्बकीय प्रेरण होगा (पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक = ${B_H}$)
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