दो छोटे चुम्बक जिनके अक्ष क्षैतिज और चुम्बकीय याम्योत्तर के लम्बवत् हैं और उनके केन्द्र बिन्दु चुम्बकीय सुई  के क्रमश: $40$  सेमी पूर्व तथा $50$  सेमी पश्चिम में हैं । यदि सुई  में कोई  विक्षेप नहीं है, तो उनके चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात ${M_1}:{M_2}$है

  • A

    $4:5$

  • B

    $16:25$

  • C

    $64 : 125$

  • D

    $2:\sqrt 5 $

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दण्ड चुम्बक के लिए चुम्बकीय प्रेरण की बल रेखाएँ

$10 \,cm$  लम्बी एवं $ 4.0 \,Am $  ध्रुव सामथ्र्य वाली एक चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण....$A{m^2}$ होगा

चित्र में दिखाये अनुसार दो समान दंडचुंबक एक दूसरे से कुछ दूरी पर परस्पर लम्बवत रखे हुए हैं। चुम्बकों के चारों ओर का क्षेत्र चार भागों में विभाजित है। यदि कोई उदासीन बिन्दु (neutral point) है, तो वह स्थित है

  • [KVPY 2014]

एक दोलन चुम्बकत्वमापी में दो एक-समान छड़ चुम्बक एक के ऊपर एक इस प्रकार रखे हैं कि वे एक-दूसरे को लम्ब समद्विभाजित करते है। क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में इस निकाय का दोलनकाल ${2^{5/4}}$ सैकण्ड है । यदि एक चुम्बक हटाकर दूसरी चुम्बक को उसी चुम्बकीय क्षेत्र में दोलन कराया जाये तो दोलनकाल सैकण्ड में होगा

आरेख में दंड (छड़) चुम्बकों की व्यवस्थाओं के विन्यास दिये गये हैं। प्रत्येक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $m$ है। किस विन्यास में नेट चुम्बकीय द्विधुव आघूर्ण का मान अधिकतम होगा ?

  • [AIPMT 2014]