एक लघु छड़ चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को पृथ्वी के उत्तर की ओर रखने पर उदासीन बिन्दु क्षैतिज तल में किसी बिन्दु $P $ पर मिलता है। यदि चुम्बक को क्षैतिज तल में $90°$ से घुमा दिया जाये तो बिन्दु $P$ पर कुल चुम्बकीय प्रेरण होगा (पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक = ${B_H}$)
$0$
$2 BH$
$\frac{{\sqrt 5 }}{2}{B_H}$
$\sqrt 5 \,{B_H}$
चुम्बकीय आघूर्ण का मात्रक है
दो छड़ चुम्बकों के चुम्बकीय आघूणो र्की तुलना कर सकते हैं
दो समरूप लघु छड़ चुम्बक प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$ है, क्षैतिज तल में एक दूसरे से $2d $ दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके अक्ष एक दूसरे के लम्बवत् है। तो दोनों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा
दो पृथक प्रयोगों में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में रखे छोटे चुम्बकों के उदासीन बिन्दु $r$ तथा $2r$ दूरी पर निरक्ष स्थिति में मिलते हैं। चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात है
एक दण्ड चुम्बक का केन्द्र $O$ और लम्बाई $4 $ सेमी है । बिन्दु $P_1$ निरक्षीय स्थिति में और बिन्दु $P_2$ अक्षीय स्थिति में इस प्रकार है कि $OP_1 = OP_2 = 10$ मीटर । $P_1$ और $P_2$ पर चुम्बकीय तीव्रता $H$ का अनुपात होगा