यदि पिण्ड के वेग की समय पर निर्भरता समीकरण $v = 20 + 0.1{t^2}$ द्वारा व्यक्त है, तो पिण्ड गतिशील है
एकसमान त्वरण से
एकसमान मंदन से
असमान त्वरण से
शून्य त्वरण से
एक सरल रेखा के अनुदिश, किसी कण की गति को समीकरण, $x=8+12 t-t^{3}$ द्वारा परिभाषित (प्रकट) किया जाता है। जहाँ, $x$ मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है। वेग शून्य होने पर कण का मंदन.........$m/s^ 2$ है
$40$ किमी/घन्टा की चाल से गति करती हुई एक कार को ब्रेक लगाकर कम से कम दो मीटर की दूरी में रोका जा सकता है। यदि वही कार $80$ किमी/घन्टा की चाल से गति कर रही हो तो वह न्यूनतम दूरी क्या होगी जिसमें उसे रोका जा सके.........$m$
$60$ किमी/घंण्टा की चाल से गति कर रहे वाहन को ब्रेक लगाने पर यह अधिकतम $ 20$ मीटर चलकर रूक जाता है। यदि वाहन की चाल को दोगुना अर्थात् $120$ किमी/घंण्टा कर दिया जाए, तो वाहन ........... $m$ दूरी तक चलकर रूकेगा
किसी कण को $x$-अक्ष के अनुदिश वेग $v_{0}$ से प्रक्षेपित किया गया है। इस कण पर कोई अवमंदक बल कार्य कर रहा है जो मूल बिन्दु से दूरी के वर्ग के अनुक्रमानुपाती है, अर्थात $m a=-\alpha x^{2}$ है। वह दूरी जिस पर यह कण रूक जाएगा है।