$\mathrm{M}$ द्रव्यमान तथा $\mathrm{d}$ घनत्व की छोटी गेंद का वेग ग्लिसरीन से भरे बर्तन में डालने पर कुछ समय बाद अचर हो जाता है। यदि ग्लिसरीन का घनत्व $\frac{\mathrm{d}}{2}$ हो, तो गेंद पर लगने वाला श्यान बल होगा :
$\frac{\mathrm{Mg}}{2}$
$\mathrm{Mg}$
$\frac{3}{2} \mathrm{Mg}$
$2 \mathrm{Mg}$
समान द्रव्यमान के दो लघु गोलीय धातु गैदें $1\;mm$ तथा $2 \;mm$ त्रिज्या तथा $\rho_1$ व $\rho_2\; (\rho_1 = 8\rho_2)$ घनत्व के पदार्थों की बनी हुई है। ये एक श्यान माध्यम में ऊर्ध्वाधर गिरती है जिनका श्यानता गुणांक बराबर है तथा जिसका घनत्व $0.1\rho_2$ है। इनके सीमांत वेगो का अनुपात होगा
समान त्रिज्या की दो बूँदें वायु में गिर रही हैं। उनके क्रांतिक वेग $5 cm/sec$ हैं। यदि बूँदें परस्पर जुड़ जायें, तो क्रांतिक वेग होगा
जल की बूँद, वायु में अत्यधिक ऊँचाई $h$ से गिरती है। उसका अंतिम वेग होगा
$1750 \mathrm{~kg} / \mathrm{m}^3$ घनत्व के एक घोल में $6 \mathrm{~mm}$ व्यास का एक वायु का बुलबुला $0.35 \mathrm{~cm} / \mathrm{s}$. की दर से उठता है। घोल का श्यानता गुणांक_________Pas है (वायु का घनत्व नगण्य मानकर एवं दिया है, $\left.\mathrm{g}=10 \mathrm{~ms}^{-2}\right)$
एक एकसमान घनत्व के तरल के गोलाकार पिंड की त्रिज्या $R$ है तथा यह अपने स्वयं के गुरूतव के प्रभाव में साम्यावस्था में है। यदि इसके केन्द्र से दूरी $r(r < R)$ पर दाव $P(r)$ है, तव सही विकल्प है (हैं)
$(A)$ $P ( I =0)=0$ $(B)$ $\frac{ P ( r =3 R / 4)}{ P ( r =2 R / 3)}=\frac{63}{80}$
$(C)$ $\frac{ P ( r =3 R / 5)}{ P ( r =2 R / 5)}=\frac{16}{21}$ $(D)$ $\frac{ P ( r = R / 2)}{ P ( r = R / 3)}=\frac{20}{27}$