फोटॉन का वेग समानुपाती है (यहाँ $n$ आवृत्ति है)
$\frac{{{\nu ^2}}}{2}$ के
$\frac{1}{{\sqrt \nu }}$ के
$\sqrt \nu $ के
$n$ के
फोटॉन की चाल $c = \nu \lambda $
एल्युमिनियम का कार्य फलन $4.2eV.$ है। यदि दो फोटॉन, प्रत्येक की ऊर्जा $3.5 eV$है, एल्युमीनियम के एक इलेक्ट्रॉन से टकराते हैं, तो इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन
किसी इलेक्ट्रॉन और किसी प्रोटॉन को एक दूसरे से अत्यधिक दूरी द्वारा पथक किया गया है। यह इलेक्ट्रॉन $3\; eV$ ऊर्जा के साथ प्रोटॉन की ओर गमन करना आरम्भ करता है। प्रोटॉन इस इलेक्ट्रॉन का प्रग्रहण कर लेता है और द्वितीय उत्तेजक अवस्था का हाइड्रोजन परमाणु बना लेता है। परिणामी फोटॉन $4000 \;\mathring A$ देहली तरंगदैर्ध्य की किसी प्रकाश सुग्राही धातु पर आपतन करता है। उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा क्या है ? ($eV$ मे)
यदि फोटॉन का संवेग $ p$ है, तो उसकी आवृत्ति होगी
(जबकि $m$ फोटाॅन का विराम द्रव्यमान है)
निम्न में से क्या सही है (यहाँ संकेतों के सामान्य अर्थ हैं)
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