प्रकाश का तरंग सिद्धांत किसने दिया
मैक्सवेल
प्लांक
हाइगेन
यंग
(c)प्रकाश की तरंग प्रकृति को हाइगेन ने समझाया।
हाइगेन के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धान्त का उपयोग कर सकते हैं
किसी बिन्दुवत् स्रोत से निकलने वाली अपसारी किरणों से बनने वाला तरंगाग्र होता है
तरंगाग्र से तात्पर्य है
हाइगेन के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धांत
ग्रीष्म ऋतु की गर्म रात्रि में, भू-तल के निकट, वायु का अपवर्तनांक न्यूनतम होता है और भू-तल से ऊँचाई के साथ बढ़ता जाता है। यदि, कोई प्रकाश-किरण-पुंज क्षैतिज दिशा में जा रहा हो तो, हाइगेन्स के सिद्धान्त से यह परिणाम प्राप्त होता है कि, चलता प्रकाश-किरण पुंज
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