दो आवेशित अवरोधी गोलाकारों की त्रिज्या क्रमश: $20\,cm$ और $25\,cm$ है और दोनों पर समान वैद्युत आवेश $Q$ है। इन्हेंं तांबे के तार के साथ संयोजित किया गया है

  • A

    दोनों गोलाकारों पर समान आवेश होगा

  • B

    $20\, cm$ त्रिज्या के गोलाकार पर आवेश, $25\, cm$ त्रिज्या वाले की अपेक्षा अधिक होगा

  • C

    $ 25\, cm$ त्रिज्या वाले गोलाकार पर आवेश, $20\, cm$ त्रिज्या के गोलाकार की तुलना में अधिक होगा

  • D

    प्रत्येक गोलाकार पर $2Q$ वैद्युत आवेश है

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$10\, C$ समान आवेश के क्रमश: $20\,cm$ और $15\,cm$ त्रिज्या के दो विद्युत रोधित गोलों को एक ताँबे के तार से जोड़कर फिर अलग कर लिया जाता है तो

एक गोलीय चालक जिसकी त्रिज्या $2$ मीटर है, को $120\, V$ तक आवेशित किया गया। इसे अब $6$ मीटर त्रिज्या वाले अन्य खोखले गोलीय चालक के अन्दर रख दिया गया है। बड़े गोले का विभव ......$V$ होगा

एक स्थान पर विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=( Ax + B ) \hat{ i }$ है, जहाँ $E NC ^{-1}$ में तथा $x$ मीटर में है। नियतांकों के मान, $A =20 \,SI$ unit तथा $B =10 \,SI$ unit हैं। यदि $x =1$ पर विभव $V _{1}$ तथा $x =-5$ पर विभव $V _{2}$ है तो $V _{1}- V _{2}$ ......$V$ होगा ।

  • [JEE MAIN 2019]

चाँदी (परमाणु संख्या = $47$) के नाभिक की त्रिज्या $3.4 \times {10^{ - 14}}\,m$ है। नाभिक की सतह पर विद्युत विभव होगा $(e = 1.6 \times {10^{ - 19}}\,C)$

एक क्षेत्र में एकसमान स्थिर वैद्युत क्षेत्र उपस्थित है। यहाँ एक बिन्दु $P$ पर केन्द्रित एक गोले के विभिन्न बिन्दुओं पर विभव का मान $589.0 \;V$ व $589.8 \;V$ सीमाओं के बीच पाया जाता है। इस गोले के पृष्ठ पर वह बिन्दु, जिसका त्रिज्या वेक्टर विद्युत क्षेत्र से $60^{\circ}$ का कोण बनाता है, पर विभव का मान क्या होगा ?

  • [JEE MAIN 2017]