चित्र में दर्शाये अनुसार तीन अनन्त लम्बाई की आवेशित चादरें रखी है। बिन्दु $P$ पर विद्युत क्षेत्र होगा
$\frac{{2\sigma }}{{{\varepsilon _o}}}$$\hat k$
$ - \frac{{2\sigma }}{{{\varepsilon _o}}}$$\hat k$
$\frac{{4\sigma }}{{{\varepsilon _o}}}$$\hat k$
$ - \frac{{4\sigma }}{{{\varepsilon _o}}}$$\hat k$
एक ठोस धात्विक गोले पर $ + \,3Q$ आवेश है। इस गोले के संकेन्द्रीय एक चालक गोलीय कोश है जिस पर आवेश $ - Q$ है। गोले की त्रिज्या $a$ तथा गोलीय कोश की त्रिज्या $b(b < a)$ है। केन्द्र से $R$ दूरी पर $(a < R < b)$ विद्युत क्षेत्र कितना है
अपरिमित लम्बाई और $R$ त्रिज्या के एक ठोस बेलन पर एक समान आयतन-आवेश-घनत्व $\rho$ है। इसमें $R / 2$ त्रिज्या एक खोखला गोलीय-कोष बेलन के अक्ष पर केन्द्रित है (चित्र देखिये)$।।$ अक्ष से $2 \ R$ दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर विधुत $\frac{23 p }{16 k \varepsilon_0}$ से दिया जाता है। तब $k$ का मान क्या है ?
यहाँ आरेख में, किसी गोलाकार कोश (शैल) के कोटर के भीतर दो बिन्दु-आवेश $+ Q$ तथा $- Q$ दर्शाये गये हैं। ये आवेश कोटर की सतह के निकट इस प्रकार रखे गये हैं कि, एक आवेश कोश के केन्द्र की एक ओर है और दूसरा केन्द्र के विपरीत दूसरी ओर। यदि, भीतरी तथा बाहरी सतहों (पृष्ठों) पर, पृष्ठ आवेश क्रमशः $\sigma_{1}$ तथा $\sigma_{2}$ और नेट आवेश क्रमशः $Q_{1}$ तथा $Q _{2}$ हो तो :
एक $R$ त्रिज्या का कुचालक गोला एकसमान रूप् से आवेशित है। विद्युत क्षेत्र की तीव्रता केन्द्र से $r$ दूरी पर
माना $\sigma$ चित्रानुसार दो अनन्त पतली समतल शीटो का एकसमान पृष्ठीय आवेश घनत्व है। तब तीन विभिन्न प्रभागो में विद्युत क्षेत्र के मान $E_{\mathrm{I}}, E_{\mathrm{II}}$ व $E_{\mathrm{II}}$ होगें