एक तने हुए तार में उत्पन्न आवृत्ति को $100\,Hz$ से $400\,Hz$ करने के लिए इसके तनाव को ... गुना बढ़ाना पडे़गा
$4$
$16$
$20$
उपरोक्त में से कोई नही
$n \propto \sqrt T $
$392 Hz$ आवृत्ति का एक स्वरित्र $50 cm$ लम्बी तनी हुयी डोरी के साथ अनुनाद में है। यदि डोरी का तनाव नियत रखकर इसकी लम्बाई $2\%$ से हटा दी जाये और डोरी एवं स्वरित्र को पुन: एकसाथ कम्पित किया जाये तो उत्पन्न विस्पदों की संख्या होगी
एक $7$ मी. लम्बी डोरी का द्रव्यमान $0.035\,kg$ है। यदि डोरी में तनाव $60.5 N$ है तब डोरी पर तरंग का वेग …. $m/s$ होगा
सोनोमीटर के एक प्रयोग में, $256 Hz$ आवृत्ति का एक स्वरित्र $25cm$ लम्बाई के साथ अनुनाद में है एवं एक अन्य स्वरित्र $16 cm$ लम्बाई के साथ अनुनाद में है यदि दोनों स्थितियों में तनाव नियत हो तो द्वितीय स्वरित्र की आवृत्ति …. $Hz$ होगी
किसी लम्बी बेलनाकार नली के एक सिरे के नजदीक $n$ आवृत्ति उत्पन्न करने वाला एक कम्पित स्वरित्र रखा है नली चित्र में दिखाये अनुसार पाश्र्व से भी खुली है एवं इसमें एक चलित परावर्तक पिस्टन लगा हुआ है। यदि पिस्टन $8.75 cm$ दूरी चलता है, ध्वनि की तीव्रता अधिकतम से न्यूनतम तक बदलती है यदि ध्वनि की चाल $350 m/s$ है तब $n$ का मान होगा …. $Hz$
दोनों सिरों पर कसी किसी डोरी में यदि नवाँ संनादी ($9^{th}$ harmonic) उत्पन्न किया जाये तो इसकी आवृत्ति सातवें संनादी की तुलना में होगी
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