निर्वात् में दो आवेश ${q_1}$, ${q_2}$ दूरी $d$ पर रखे गये हैं और इनके मध्य लगने वाला बल $F$ है। यदि उनके चारों ओर परावैद्युतांक $4$ वाला माध्यम भर दिया जाये तो अब बल का मान होगा
$4F$
$2F$
$\frac{F}{2}$
$\frac{F}{4}$
चित्रानुसार, बिन्दु आवेश $q$ धनात्मक $X - $अक्ष की दिशा के समान्तर एकसमान विद्युत क्षेत्र में $P$ से $S$ की दिशा में $PQRS$ के अनुदिश गति करता है।$P,\,Q,\,R$ व $S$ के निर्देशांक क्रमश: $(a,\,b,\,0),\;(2a,\,0,\,0),\;(a,\, - b,\,0)$ व $(0,\,0,\,0)$ हैं। क्षेत्र द्वारा उपरोक्त प्रक्रिया में किया गया कार्य है
एक बिन्दु आवेश $q_1=4 q_0$ मूल बिन्दु पर स्थित है।एक अन्य बिन्दु आवेश $\mathrm{q}_2=-\mathrm{q}_0, \mathrm{x}=12 \mathrm{~cm}$ पर रखा गया है। आवेश $\mathrm{q}_0$ वाले एक प्रोटोन को $\mathrm{x}$-अक्ष पर इस प्रकार रखा गया है कि प्रोटोन पर स्थिर वैद्युत बल का मान शून्य है। इस स्थिति में मूल बिन्दु से प्रोटोन की स्थिति _________$\quad \mathrm{cm}$ है।
$+ 2\,C$ और $+ 6 \,C$ दो वैद्युत आवेशों में प्रतिकर्षण का बल $12$ न्यूटन है। प्रत्येक आवेश को $ - 2\,C$ आवेश दिये जाने पर इनके मध्य का बल होगा
अक्षीय स्थिति में एक दिया गया आवेश, वैद्युत द्विध्रुव से कुछ दूरी पर रखा गया है तो उस पर $F$ बल कार्य करता है। यदि आवेश को दुगनी दूरी पर रखा जाता है, तो उस पर लगने वाला बल होगा
दो बिन्दु आवेशों को हवा में एक निश्चित दूरी $r$ पर रखा जाता है। ये एक-दूसरे की ओर $F$ बल लगाते हैं। तब दूरी $r'$ जिस पर ये आवेश परावैद्युत नियतांक $k$ के माध्यम में समान बल लगाते है, है