$0.2$ मी. भुजा वाले एक समबाहु त्रिभुज के दो शीर्षों $A$ व $B$ पर प्रत्येक $4\,\mu C$ के आवेश वायु में रखे हैं। शीर्ष $C$ पर विद्युत विभव होगा $\left[ {\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}} = 9 \times {{10}^9}\,\frac{{N - {m^2}}}{{{C^2}}}} \right]$
$9 \times {10^4}\,V$
$18 \times {10^4}\,V$
$36 \times {10^4}\,V$
$36 \times {10^{ - 4}}\,V$
$q$ परिमाण के दो विपरीत आवेश एक दूसरे से $2d$ दूरी पर रखे हैं। उनके बीच मध्य बिन्दु पर विभव होगा
समान साइज की $27$ बूंदे प्रत्येक $220$ वोल्ट पर आवेशित होती है। वे मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती है। बड़ी बूंद के विभव की गणना कीजिए। (वोल्ट में)
एकसमान आवेश घनत्व वाले एक गोले की कल्पना कीजिए जिसका कुल आवेश Q तथा त्रिज्या $R$ है. इस गोले के अन्दर स्थिरवैद्युत विभव के वितरण को $\emptyset(r)=\frac{Q}{4 \pi \epsilon_0 R}\left(a+b(r / R)^c\right)$ से निरूपित किया गया है. मान लीजिये कि अनंत पर विभव शून्य है. इस आधार पर $(a$, $b, c)$ के मान क्या होंगे?
$L$ भुजा व $O$ केन्द्र वाले एक समबाहु षट्भुज के कोनों पर $6$ बिन्दु-आवेश चित्र में दर्शाये अनुरूप रखे है। $K =\frac{1}{4 \pi \varepsilon_0} \frac{ q }{ L ^2}$ को मानकर निर्धारित करें कि कौन प्रकथन सही है/हैं
$(A)$ $O$ पर विधुत क्षेत्र $6 K$ व $O D$ दिशा में है।
$(B)$ $O$ पर विभव शून्य है।
$(C)$ लाइन $PR$ पर सब जगह विभव समान है।
$(D)$ लाइन $ST$ पर सब जगह विभव समान है।
$X-Y$ निर्देशांक निकाय के मूल बिन्दु $(0,0)$ मी. पर $10^{-6} \mu \mathrm{C}$ का एक आवेश स्थित है। दो बिन्दु $\mathrm{P}$ और $Q$ क्रमशः $(\sqrt{3}, \sqrt{3})$ मी तथा $(\sqrt{6}, 0)$ मी पर स्थित है। बिन्दु $\mathrm{P}$ व $\mathrm{Q}$ के बीच विभान्तर होगा: