दो एक जैसे छड़ चुम्बक चित्रानुसार रखे हुये हैं । बिन्दु $P $ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा, जिसे तीर का शीर्ष दर्शाता है, होगी (लगभग)
$\rightarrow$
$\nearrow$
$\searrow$
$\uparrow$
दो चुम्बक $A$ व $B$ सर्वसम हैं तथा उन्हें चित्रानुसार व्यवस्थित किया गया है। उनकी लम्बाई उनके मध्य दूरी की तुलना में नगण्य है। दोनों चुम्बकों के मध्य बिन्दु $P$ पर एक चुम्बकीय सुई रखी गयी है जो चुम्बकों के प्रभाव में $\theta $ कोण से विक्षेपित हो जाती है। दूरियाँ ${d_1}$ व ${d_2}$ का अनुपात होगा
एक लम्बे चुम्बक को दो भागों में इस प्रकार तोड़ा जाता है कि उनकी लम्बाइयों का अनुपात $2 : 1 $ होता है । दोनों भागों के ध्रुव प्राबल्य होंगे
एक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $M$ तथा इसकी अक्ष पर चुम्बकीय विभव $V $ है। द्विध्रुव आघूर्ण $\frac{M}{4}$ वाली एक अन्य चुम्बक के कारण उसी बिन्दु पर चुम्बकीय विभव होगा
एक छड़ चुम्बक के अन्दर चुम्बकीय बल रेखाएँ
नीचे दिए गए चित्रों में से कई में चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ गलत दर्शायी गई हैं [ चित्रो में मोटी रेखाएँ]। पहचानिए कि उनमें गलती क्या है? इनमें से कुछ में वैध्यूत क्षेत्र रेखाएँ ठीक-ठीक दर्शायी गई हैं। बताइए, वे कौन से चित्र हैं?