समान द्रव्यमान $0.1\, kg$ वाली दो एक सामन गेंदे $A$ तथा $B$ दो एक समान एवं द्रव्यमान विहीन स्प्रिंगों से जुड़ी है। यह स्प्रिंग द्रव्यमान निकाय किसी दृढ़, चिकने वृत्तीय एवं क्षैतिज तल में स्थित पाइप में स्थित है जैसा कि दिखाया गया है। दोनों गेंदों के केन्द्र $0.06\, m$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घूमते है। प्रत्येक स्प्रिंग की वास्तविक लम्बाई $0.06\pi\, m$ एवं स्प्रिंग नियतांक $0.1\,N/m$ हैं प्रारम्भ में दोनों गेंदें व्यास $PQ$ के सापेक्ष $\theta = \pi /6$ रेडियन कोण से विस्थपित की जाती है। मुक्त करने पर गेंद $B$ के दोलनों की आवृत्ति होगी
$\pi \,Hz$
$\frac{1}{\pi }Hz$
$2\pi \,Hz$
$\frac{1}{{2\pi }}Hz$
किसी स्प्रिंग से भार लटकाने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि $x$ है यदि स्प्रिंग में उत्पन्न तनाव $T$ एवं इसका बल नियतांक $K$ हो तो स्प्रिंग में संचित ऊर्जा है
एक हल्की, उध्र्वाधर लटकी स्प्रिंग के निचले सिरे से जुड़ा हुआ कण कम्पन कर रहा है। कण का अधिकतम वेग $15$ मी/सै है तथा दोलनकाल $628$ मिली सैकण्ड है। गति का आयाम (सेमी में)
चित्र में दिखाये गये द्वि-स्प्रिंग निकाय का प्रभावी स्प्रिंग नियतांक होगा
दो द्रव्यमान $M _{ A }$ तथा $M _{ B }$ को दो तारों, जिनकी लम्बाइयां $L _{ A }$ तथा $L _{ B }$ है, से लटकाने पर सरल आवर्तगतियां करते है। यदि इनकी आवर्तियों में संबंध $f _{ A }=2 f _{ B }$ हो तो
$15\, g$ द्रव्यमान की एक गेंद एक स्प्रिंग वाली बंदूक से दागी जाती है। स्प्रिंग का स्प्रिंग नियतांक $600 \,N/m$ हैं। यदि स्प्रिंग $5 \,cm$ तक संपीडित होती है। तो गेंद के द्वारा प्राप्त अधिकतम क्षैतिज परास .... $m$ होगी ($g = 10\, m/S^{2}$)