दो भिन्न धातुओं की समान प्लेटों को जोड़कर एक प्लेट बनाई जाती है, जिसकी मोटाई प्रत्येक प्लेट की मोटाई से दुगुनी है। यदि प्रत्येक प्लेट का ऊष्मा चालकता गुणांक क्रमश: $2$ इकाई और $3$ इकाई है तो संयोजित प्लेट का ऊष्मा चालकता गुणांक होगा

  • A

    $5$ इकाई

  • B

    $2.4$ इकाई

  • C

    $1.5$ इकाई

  • D

    $1.2$ इकाई

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इंजन हौज के एक प्रयोग में एकसमान परन्तु भिन्न-भिन्न पदार्थो की दो छड़ों पर मोम क्रमश: $10\,cm$ और $25\,cm$ लम्बाई तक पिघलता है। छड़ों के पदार्थो की ऊष्मा चालकताओं का अनुपात है

मन्द गति की अवस्था में पिण्ड का ताप  

एक धातु की प्लेट की मोटाई $0.4$ सेमी है। इसके दोनों पृष्ठों के मध्य तापों का अन्तर ${20^o}C$ है। इसके $5$ सेमी $2$ क्षेत्रफल  से $50$ कैलोरी प्रति सैकण्ड ऊष्मा संचरित होती है। प्लेट का ऊष्मा चालकता गुणांक है (मात्रक $CGS$ में)

एक ही पदार्थ की बनी दो धात्विक छड़ों के व्यासों का अनुपात $2 : 1$ है तथा उनकी लम्बाइयों का अनुपात $1 : 4$ है। यदि उनके सिरों के बीच तापान्तर समान हो, तो उनमें ऊष्मा प्रवाह की दरों का अनुपात होगा

दो भिन्न धातुओं $A$ तथा $B$ के आयताकार टुकड़ों की लम्बाई एवं अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल एकसमान हैं। इन्हें अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफलों को स्पर्श कराते हुए एक साथ रखा जाता है। $A$ टुकड़े के एक सिरे का ताप ${100^o}C$ और $B$ के दूसरे सिरे का ताप ${0^o}C$ रखा जाता है। यदि $A$ और $B$ के चालकता गुणांक $1 : 3$ के अनुपात में हैं, तो उनके अन्तरापृष्ठ जहाँ $A$ और $B$ स्पर्श करते हैं, का स्थाई अवस्था में ताप ....... $^oC$ होगा