दो एकसमान लघु चुम्बक, जिनमें प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $ 10\,Am^2$  है, इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है, कि इनके अक्ष एक दूसरे के लम्बव्त रहें एवं इनके केन्द्र एक ही सरल रेखा के अनुदिश एक क्षैतिज तल में हों। यदि इनके केन्द्रों के बीच की दूरी  $0.2\, m $ है, तो इनके बीच में मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

$({\mu _0} = 4\pi  \times {10^{ - 7}}\,H{m^{ - 1}})$

  • A

    $\sqrt 2 \times {10^{ - 7}}$ $Tesla$

  • B

    $\sqrt 5 \times {10^{ - 7}}$ $Tesla$

  • C

    $\sqrt 2 \times {10^{ - 3}}$ $Tesla$

  • D

    $\sqrt 5 \times {10^{ - 3}}$ $Tesla$

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यदि एक दण्ड चुम्बक के केन्द्र में एक छिद्र कर दिया जाये तो इसका चुम्बकीय आघूर्ण

दण्ड चुम्बक के लिए चुम्बकीय प्रेरण की बल रेखाएँ

दो पृथक प्रयोगों में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में रखे छोटे चुम्बकों के उदासीन बिन्दु $r$ तथा $2r$  दूरी पर निरक्ष स्थिति में मिलते हैं। चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात है

दो सर्वसम (समरूप) छड़ चुम्बकों को इस प्रकार स्थिर किया गया है कि उनके केन्द्र $d$ दुरी पर है। चित्र में दिखाये गए अनुसार दोनों चुम्बकों के बीच के खाली स्थान के मध्य बिन्दु $O$ से $D$ दुरी पर, बिन्दु $P$ पर एक आवेश $Q$ रखा है। $Q$ आवेश पर बल है

  • [AIPMT 2010]

एक छड़ चुम्बक के अन्दर चुम्बकीय बल रेखाएँ

  • [AIEEE 2003]