निम्न चित्र में प्रदर्शित दो समान्तर धात्विक प्लेटों के विभव अलग अलग हैं। यदि एक इलेक्ट्रॉन को प्लेटों के मध्य छोड़ दिया जाये तो यह गति करेगा
नियत चाल से दांयी ओर
नियत चाल से बांयी ओर
त्वरित दांयी ओर
त्वरित बांयी ओर
$10\, C$ समान आवेश के क्रमश: $20\,cm$ और $15\,cm$ त्रिज्या के दो विद्युत रोधित गोलों को एक ताँबे के तार से जोड़कर फिर अलग कर लिया जाता है तो
किसी क्षेत्र में मूल बिन्दु के चारों ओर विद्युत क्षेत्र एक समान है एवं $x$ - अक्ष के अनुदिश कार्यरत् है। मूल बिन्दु को केन्द्र मान कर एक छोटा सा वृत्त खींचा जाता है जो कि अक्षों को बिन्दुओं $A, B, C$ तथा $D$ पर काटता है। यदि इन बिन्दुओं के निर्देशांक क्रमश: $(a, 0), (0, a), (-a, 0), (0, -a)$ हैं तब किसी बिन्दु पर विभव न्यूनतम होगा
एक स्थान पर विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=( Ax + B ) \hat{ i }$ है, जहाँ $E NC ^{-1}$ में तथा $x$ मीटर में है। नियतांकों के मान, $A =20 \,SI$ unit तथा $B =10 \,SI$ unit हैं। यदि $x =1$ पर विभव $V _{1}$ तथा $x =-5$ पर विभव $V _{2}$ है तो $V _{1}- V _{2}$ ......$V$ होगा ।
$r$ तथा $R$ त्रिज्या $( > r)$ के दो संकेन्द्रीय एवं खोखले गोलों पर आवेश $Q$ इस प्रकार से वितरित है कि इनके पृष्ठीय आवेश घनत्व समान हैं। इनके उभयनिष्ठ केन्द्र पर विभव होगा
पानी की एक आकार की $27$ बूँदों को एक-सा समान आवेश दिया गया है। यदि उन सबको मिलाकर एक बड़ी बूँद बना दिया तो नये विद्युत विभव में क्या परिवर्तन ........गुना होगा