$R$ एवं $2 R$ त्रिज्याओं वाले दो विलगित ठोस धात्विक गोलो को इस प्रकार आवेशित किया जाता है, कि दोनों का आवेश घनत्व $\sigma$ है। इसकें बाद गोलो को किसी पतले चालक तार द्वारा जोड़ा जाता है। माना बड़े गोले पर नया आवेश घनत्व $\sigma^{\prime}$ है, तो अनुपात $\frac{\sigma^{\prime}}{\sigma}$ होगा :

  • [JEE MAIN 2023]
  • A

    $\frac{9}{4}$

  • B

    $\frac{4}{3}$

  • C

    $\frac{5}{3}$

  • D

    $\frac{5}{6}$

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एकसमान पृष्ठ आवेश घनत्व $\sigma $ वाले चालक पृष्ठ के निकट वैद्युत क्षेत्र

$1\,cm$ और $2\,cm$ त्रिज्या के दो धात्विक गोलों पर आवेश क्रमश: ${10^{ - 2}}\,C$ एवं $5 \times {10^{ - 2}}\,C$ है। यदि इन्हें एक चालक तार द्वारा आपस में जोड़ दें तो छोटे गोले पर आवेश होगा

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प्रत्येक त्रिज्या $0.02\,m$ तथा प्रत्येक $5\,\mu C$ आवेशवाही चौसठ चालक बून्दे, संयोजित होकर एक बड़ी बून्द का निर्माण करती है। बड़ी बूँद के सतही घनत्व तथा छोटी बूँद के सतही घनत्व का अनुपात होगा-

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यदि धातु के ठोस गोले को कुछ आवेश दिया जाता है तो, धातु के अन्दर विद्युत् क्षेत्र शून्य होता है। गॉस (Gauss) के नियम के तहत, आवेश गोले के सतह पर ही स्थित रहता हैं | अब यदि यह मान लें कि दो आवेशों के बीच का कूलाम्बिक बल (Coulomb's force) $1 / r^3$ के हिसाब से बदलता है, तब आवेशित धातु के गोले के अन्दर

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