दो अचालक $R_1$ तथा $R_2$ त्रिज्या वाले गोलों को क्रमशः $+\rho$ तथा $-\rho$ एकसमान आयतन आवेश घनत्व से आवेशित किया गया है। इन गोलों को चित्र में दर्शाए अनुसार इस प्रकार जोड़ कर रखा गया है कि वे आंशिक रूप से अतिछादित है। अतिछादित क्षेत्र के प्रत्येक बिन्दु पर -
$(A)$ स्थिर विधुत क्षेत्र शून्य है।
$(B)$ स्थिर विधुत विभव अचर है।
$(C)$ स्थिर विधुत क्षेत्र का परिमाण अचर है।
$(D)$ स्थिर विधुत क्षेत्र की दिशा एकसमान है।
$(C,D)$
$(B,D)$
$(B,C)$
$(A,C)$
मान लें व्योम में एक विध्युत क्षेत्र $\vec{E}=30 x^{2} \hat{i}$ है। तब विभवान्तर $V_{A}-V_{O}$ जहाँ $V_{O}$ मूलबिन्दु पर विभव एवं $V_{A}, x=2 \,m$ पर विभव ....$V$ है।
$R$ त्रिज्या के वृत्त पर $10$ इलेक्ट्रॉन एक दूसरे से समान दूरी पर स्थित हैं। अनन्त पर $V = 0$ के सापेक्ष केन्द्र $C$ पर विद्युत विभव $V$ व विद्युत क्षेत्र $E$ होंगे
एकसमान आवेशित एक पतले गोलीय कोश के लिए. कोश के केन्द्र $(O)$ से त्रिज्या के अनुदिश बाहर की ओर विद्युत विभव $(\mathrm{V})$ को निम्न ग्राफ द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है:
समान रेखीय आवेश घनत्व $\lambda$ वाली त्रिज्या $R_1$ तथा $R _2$ की दो सम केन्द्रीय अर्द्ध वलयो के केन्द्र पर विद्युत विभव होगा :-
$10\, C$ समान आवेश के क्रमश: $20\,cm$ और $15\,cm$ त्रिज्या के दो विद्युत रोधित गोलों को एक ताँबे के तार से जोड़कर फिर अलग कर लिया जाता है तो