$M$ तथा $m$ द्रव्यमान के दो कण क्रमशः $R$ तथा $r$ वृत्त के पथ पर घूमते है। यदि उनके आवर्तकाल समान हो , तो उनके कोणीय वेगों का अनुपात होगा
$1$
$\frac{ r }{ R }$
$\frac{R}{r}$
$\sqrt{\frac{R}{r}}$
$160\, m$ त्रिज्या वाले वक्र मार्ग पर $400 \,m/s$ चाल से गति करती हुई रेलगाड़ी का त्वरण होगा
एक कण $P$ घर्षण विहीन अर्द्धगोले में फिसल रहा है। $t = 0$पर यह बिन्दु $A$ से गुजरता है तथा इस समय इसके वेग का क्षैतिज घटक $v$ है। समान द्रव्यमान के अन्य कण $Q $ को $t = 0$ पर बिन्दु $A$ से क्षैतिज डोरी $AB $ के अनुदिश $v$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है (चित्रानुसार) $Q$ तथा डोरी के मध्य कोई घर्षण नहि यदि $P$ तथा $Q$ कणों को $B$ बिन्दु तक पहुँचने में लगे समय क्रमश:${t_P}$तथा ${t_Q}$हों तो
एक गोलक को डोरी से क्षैतिज तल में इस प्रकार घुमाया जाता है कि इसकी प्रारम्भिक चाल $\omega \mathrm{rpm}$ है। डोरी में तनाव $T$ है। यदि त्रिज्या को समान रखकर चाल $2 \omega$ हो जाती हो तो डोरी में तनाव होगा:
कोई कण त्रिज्या $R$ के वत्त की परिधि के अनुदिश किसी छद्म केन्द्रीय बल $F$, जो $R ^{3}$ के व्युत्क्रमानुपाती है, के अधीन समान चाल से गतिमान है। इसकी परिक्रमा का आवर्तकाल होगा।
किसी वृत्त की परिधि पर गतिमान एक पिण्ड का कोणीय त्वरण होगा :