एक वस्तु $100 \,m$  त्रिज्या के वृत्त में $31.4\, m/s ​$ की नियत चाल से गति कर रही है। एक पूर्ण चक्कर लगाने पर उसकी औसत चाल ....... $m/s$ होगी

  • A

    $0$

  • B

    $31.4$

  • C

    $3.14$

  • D

    $\sqrt 2 \times 31.4$

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एक छात्र एक रेम्प के ऊपर की ओर स्केटिंग करता है, जो क्षैतिज के साथ $30^{\circ}$ कोण बनाता है। वह $v _0$ चाल से रेम्प के आधार से प्रारम्भ (जैसा की चित्र में दिखाया गया है) होता/ होती है तथा $R$ त्रिज्या के एक अर्द्धवृत्तीय पथ $xyz$ के ऊपर घूमना चाहता/चाहती है जिसके दौरान वह धरातल से अधिकतम ऊँचाई $h$ (बिन्दु $y$ पर) पहुँचता/पहुँचती है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। माना कि ऊर्जा हानि नगण्य है तथा उच्चतम बिन्दु पर इस घुमाव के लिए आवश्यक बल केवल उसके भार द्वारा प्रदान किया जाता है। तब ( $g$ गुरूत्वीय त्वरण है)

$(A)$ $v_0^2-2 g h=\frac{1}{2} g R$

$(B)$ $v_0^2-2 g h=\frac{\sqrt{3}}{2} g R$

$(C)$ बिन्द $x$ तथा $z$ पर आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल शून्य है।

$(D)$ आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल बिन्दु $x$ तथा $z$ पर अधिकतम है।

  • [IIT 2020]

एक कण नियत कोणीय वेग से वृत्तीय पथ पर गति कर रहा है। गति के दौरान

यदि किसी विरामघड़ी की सैकण्ड वाली सुई की लम्बाई $3 \,cm$ है, तब सुई के सिरे का कोणीय वेग तथा रेखीय वेग होगा

किसी घूर्णन करने वाली वस्तु का रेखीय वेग $\mathop v\limits^ \to = \mathop \omega \limits^ \to \times \mathop r\limits^ \to ,$ से दिया जाता है जहाँ $\mathop \omega \limits^ \to $ कोणीय वेग तथा $\overrightarrow {\,\;r} $ त्रिज्यीय सदिश है। यदि $\mathop \omega \limits^ \to = \hat i - 2\hat j + 2\hat k$ तथा $\mathop r\limits^ \to = 4\hat j - 3\hat k,$ है तो $|\mathop v\limits^ \to |$ है

एकसमान वृत्तीय गति में निम्न में से कौनसी भौतिक राशि नियत नहीं रहती