एक वस्तु $100 \,m$ त्रिज्या के वृत्त में $31.4\, m/s $ की नियत चाल से गति कर रही है। एक पूर्ण चक्कर लगाने पर उसकी औसत चाल ....... $m/s$ होगी
$0$
$31.4$
$3.14$
$\sqrt 2 \times 31.4$
एक स्कूटर $100$ मीटर त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर $10$ मीटर/सैकण्ड के वेग से घूम रहा है। स्कूटर की कोणीय चाल ....... $rad/s$ होगी
घड़ी के मिनट वाले काँटे तथा घण्टे वाले काँटे की कोणीय चाल का अनुपात होता है
एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है। यदि कोणीय वेग को दोगुना कर दिया जाये और त्रिज्या वही रहे, तो नया बल होगा
एक रेलगाड़ी उत्तर दिशा में जा रही है। एक स्थान पर यह उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ जाती है, तो यहाँ हम देखते हैं कि
दो कोरें $S_1$ तथा $S_2$, एक समतलीय संकेंद्री वृताकार पथ (coplanar concentric circular path) पर एक दूसरे के परस्पर विपरीत दिशा में गतिमान हैं । $S_1$ तथा $S_2$, का परिक्रमण काल (period of revolution) क्रमशः $3 \,min$ तथा $24 \,min$ है | यदि समय $t=0$ पर $S_1$ तथा $S_2$ एक दूसरे से अधिकतम दूरी पर हों तो, वे