एकसमान चुम्बकीय आघूर्ण $M$ वाले दो छोटे-छोटे दण्ड चुम्बक (चित्रानुसार) परस्पर लम्बवत् स्थित हैं। दोनों  चुम्बकों के समकोण-अर्धक पर $d$ दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी

137-13

  • A

    $\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{M}{{{d^3}}}$

  • B

    $\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{{M\sqrt 2 }}{{{d^3}}}$

  • C

    $\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{{2\sqrt 2 M}}{{{d^3}}}$

  • D

    $\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\frac{{2M}}{{{d^3}}}$

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छड़ चुम्बक के कारण दो बल रेखाऐं

चुंबकीय द्विध्रुव के कारण इसके केन्द्र से $20 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर इसकी अक्ष पर स्थित बिन्दु पर चुंबकीय विभव $1.5 \times 10^{-5} \mathrm{Tm}$ है। द्विध्रुव का चुंबकीय आघूर्ण. . . . . . . $\mathrm{Am}^2$ है।

(दिया है: $\frac{\mu_0}{4 \pi}=10^{-7} \mathrm{TmA}^{-1}$ )

  • [JEE MAIN 2024]

$50 \,gm $ भार एवं $10 \,cm $ लम्बाई   की दो एकसमान छड़ चुम्बकें चित्रानुसार एक काँच नलिका में ऊध्र्वाधर स्थित हैं। इनके समान ध्रुव चित्रानुसार आमने-सामने है। ऊपर वाली चुम्बक नीचे वाली चुम्बक से वायु में इस प्रकार सन्तुलित रहती है कि इनके पास वाले ध्रुवों के बीच की दूरी $ 3\,mm$  है। प्रत्येक चुम्बक की ध्रुव सामथ्र्य ......$ amp × m$ होगी

किसी बन्द पृष्ठ से गुजरने वाला परिणामी चुम्बकीय फ्लक्स है :

  • [NEET 2023]

एक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $M$ तथा इसकी अक्ष पर चुम्बकीय विभव $V $ है। द्विध्रुव आघूर्ण $\frac{M}{4}$ वाली एक अन्य चुम्बक के कारण उसी बिन्दु पर चुम्बकीय विभव होगा