चित्र में दिखाये अनुसार दो समान दंडचुंबक एक दूसरे से कुछ दूरी पर परस्पर लम्बवत रखे हुए हैं। चुम्बकों के चारों ओर का क्षेत्र चार भागों में विभाजित है। यदि कोई उदासीन बिन्दु (neutral point) है, तो वह स्थित है
क्षेत्र $I$ में।
क्षेत्र $II$ में।
क्षेत्र $III$ में।
क्षेत्र $IV$ में।
एकसमान चुम्बकीय आघूर्ण $M$ वाले दो छोटे-छोटे दण्ड चुम्बक (चित्रानुसार) परस्पर लम्बवत् स्थित हैं। दोनों चुम्बकों के समकोण-अर्धक पर $d$ दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी
यदि किसी धातु के टुकड़े को चुम्बक माना जाये तो सही कथन है
एक दोलन चुम्बकत्वमापी में दो एक-समान छड़ चुम्बक एक के ऊपर एक इस प्रकार रखे हैं कि वे एक-दूसरे को लम्ब समद्विभाजित करते है। क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में इस निकाय का दोलनकाल ${2^{5/4}}$ सैकण्ड है । यदि एक चुम्बक हटाकर दूसरी चुम्बक को उसी चुम्बकीय क्षेत्र में दोलन कराया जाये तो दोलनकाल सैकण्ड में होगा
एक लघु चुम्बक के अक्ष पर $x$ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता $9$ गॉस है। इसकी निरक्ष पर $\frac{x}{2}$ दूरी पर तीव्रता .....गॉस होगी
दो समान पतले दण्ड चुम्बकों को, जिनमें प्रत्येक की लम्बाई $ l $ है और ध्रुव प्राबल्य $m$ है, $90°$ के कोण पर रखा जाता है इस प्रकार कि एक चुम्बक उत्तरी ध्रुव पर दूसरी चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव के साथ आता है निकाय का चुम्बकीय आघूर्ण है