$1.44 \,m$ एवं $1 \,m$ लम्बाईयों वाले दो सरल लोलक एक साथ दोलन प्रारम्भ करते हैं। कितने दोलनों बाद वे पुन: एक साथ दोलन करने लगेंगे
छोटे लोलक के $5$ दोलनों बाद
छोटे लोलक के $6$ दोलनों बाद
बड़े लोलक के $4$ दोलनों बाद
बड़े लोलक के $6$ दोलनों बाद
यदि $2 \;m$ लम्बे सरल लोलक का आवर्तकाल $2 \;s$ है तो उस स्थान पर, जहाँ यह सरल लोलक सरल आवर्त गति कर रहा है, गुरूत्वीय त्वरण का मान होगा।
सरल लोलक की लम्बाई में $2\% $ की वृद्धि कर देने पर उसके आवर्तकाल में
जब एक सरल लोलक को चित्र में दिखाये अनुसार $P$ से छोड़ा जाता है। तो $Q$ तक पहुँचने पर यह वायु घर्षण के कारण कुल ऊर्जा का $10\%$ भाग खो देता है। $Q$ पर इसका वेग ..... $m/sec$ होगा
सरल आवर्त गति करते एक सरल लोलक की गति को निम्न समीकरण द्वारा दिया जाता है: $Y = A \sin (\pi t +\phi)$, जहाँ समय सेकण्ड में है।लोलक की लम्बाई $.......\,cm$ होगी ।
एक सरल लोलक की लम्बाई है और इसका अधिकतम कोणीय विस्थापन $\theta$ है इसकी अधिकतम गतिज ऊर्जा होगी