$m_1$ एवं $m_2$ द्रव्यर्मान की धातु की दो छोटी गेंदे, एक ही लंबाई के धागे से किसी एक बिन्दु से लटकी है। जब गेंदों को एक समान आवेशित किया जाता है तब ऊर्ध्व के सापेक्ष दोनों धागे क्रमश: $30^{\circ}$ एवं $60^{\circ}$ कोण बनाते हैं। अनुपात $m_1 / m_2$ क्या होगा?
$2.0$
$3.0$
$0.58$
$1.7$
लम्बाई $l$ की दो द्रव्यमानहीन डोरियो द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से दो एकसमान आवेशित गोले लटकाये गये है, जों कि प्रारम्भ में दूरी $d(d$ $ < < l)$ पर अपनें अन्योन्य विकषर्ण के कारण है। दोंनों गोलों से आवेश एक स्थिर दर से लीक होना प्रारम्भ करता है। इसके परिणाम स्वरूप आवेश एक दूसरे की ओर $v$ वेग से गति करना प्रारम्भ करते है। तब दोनों के बीच दूरी $x$ के फलन के रूप में
नियत आवेश से आवेशित दो गोलाकार के मध्य के बलों का अनुपात $(a)$ वायु में $(b)$ $K$ परावैद्युतांक माध्यम में होता है
चित्र में दिखाए अनुसार धनात्मक बिंदु आवेशों को एक तारा-आकार के शीर्षों पर रखा जाता है। तारे के केंद्र $O$ पर स्थित एक ॠणात्मक बिंदु आवेश पर स्थिर वैद्युत बल की दिशा क्या होगी ?
विद्युत-चुम्बकीय, वाण्डरवॉल, स्थिरवैद्युत और नाभिकीय बल, इनमें कौन-से दो बलों के कारण न्यूट्रॉनों के मध्य आकर्षण का बल रहता है
अनंत बिन्दु आवेशों, जिनमें प्रत्येक पर $1\, \mu \,C$ का आवेश है। को $y$-अक्ष के अनुदिश $y =1 \,m , 2\,m$, $4\, m , 8\, m \ldots$ रखा गया है। मूलबिन्दु पर रखे $1\, C$ बिन्दु आवेश पर लगने वाला कुल बल $x\, \times 10^{3}\, N$ है। यहाँ $x$ का मान निकटतम पूर्णांक $......$ होगा। $\left[\frac{1}{4 \pi \epsilon_{0}}=9 \times 10^{9} \,N\,m ^{2} / C ^{2}\right.$ लीजिए । $]$