चित्रानुसार, चार आवेशों को वर्ग $ABCD$ के कोनों पर रखा गया है। केन्द्र $O$ पर रखे आवेश पर बल हैं
शून्य
विकर्ण $AC$ के अनुदिश
विकर्ण $BD$ के अनुदिश
भुजा $AB$ के लम्बवत्
दो आवेश जो एक-दूसरे से $0.06m$ की दूरी पर रखे हैं। इनके बीच लगने वाला बल $5N$ है यदि प्रत्येक आवेश दूसरे आवेश की ओर $0.01m$ खिसक जाये तो अब इन दोनों के मध्य कितना.........$N$ बल लगेगा
एक $V$ वोल्ट तक आवेशित समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों $A$ तथा $B$ के बीच दो प्रोटॉन चित्रानुसार स्थित है। प्रोटॉनों पर बल ${F_A}$ तथा ${F_B}$ है, तो
एक दूसरे से $5 \times {10^{ - 11}}\,m$ की दूरी पर स्थित इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन के मध्य स्थिर वैद्युत बल और गुरूत्वाकर्षण बल का अनुपात होगा (इलेक्ट्रॉन पर आवेश = $1.6 × 10 {^{-{19}}}\, C$, इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $9.1 × 10 {^{-{31}}}$ $kg$, प्रोटॉन का द्रव्यमान = $1.6 \times {10^{ - 27}}\,kg,$ $\,G = 6.7 \times {10^{ - 11}}\,N{m^2}/k{g^2}$)
जिन वाहनों में ज्वलनशील पदार्थ भरा रहता है उनसे प्राय: धातु की जंजीर लटकाई जाती हैं, इसका कारण है
लम्बाई $l$ की दो द्रव्यमानहीन डोरियो द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से दो एकसमान आवेशित गोले लटकाये गये है, जों कि प्रारम्भ में दूरी $d(d$ $ < < l)$ पर अपनें अन्योन्य विकषर्ण के कारण है। दोंनों गोलों से आवेश एक स्थिर दर से लीक होना प्रारम्भ करता है। इसके परिणाम स्वरूप आवेश एक दूसरे की ओर $v$ वेग से गति करना प्रारम्भ करते है। तब दोनों के बीच दूरी $x$ के फलन के रूप में