दो छोटे गोलाकार परस्पर $r$ दूरी पर रखे गये हैं। प्रत्येक पर $q$ वैद्युत आवेश है। यदि एक गोलाकार को दूसरे गोलाकार के चारों ओर $r$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घुमाया जाता है तो सम्पन कार्य होगा
दोनों के मध्य बल $ \times \,r$
दोनों के मध्य बल $ \times \,2\pi r$
दोनों के मध्य बल $/ \,2\pi r$
शून्य
$3\,\mu F$ तथा $5\,\mu F$ धारिता के दो पृथक्कृत धात्विक गोलों को क्रमश: $300\,V$ तथा $500\,V$ तक आवेशित किया जाता है। जब इन्हें एक तार द्वारा जोड़ दिया जाता है तो ऊर्जा हानि होगी
किसी संधारित्र को एक बैटरी से आवेशित किया जाता है। फिर बैटरी को हटाकर, इस संधारित्र से, समान्तर क्रम में ठीक ऐसा ही एक अन्य अनावेशित संधारित्र जोड़ दिया जाता है। तो, इस प्रकार बने परिणामी निकाय की कुल स्थिर वैधूत ऊर्जा ( पहले संधारित्र की तुलना में) :
एक आवेशित संधारित्र की प्लेटों की बीच की दूरी बढ़ाने पर, संचित ऊर्जा
एक $4\,\mu F$ के संधारित्र को $50\, V$ पर आवेशित करके एक दूसरे $2\,\mu F$ के संधारित्र को $100\,V$ पर आवेशित करके, इस प्रकार जोड़ा जाता है कि समान आवेश की पट्टिकायें एक साथ जुड़े। जोड़ने से पहले और जोड़ने के बाद पूर्ण ऊर्जा $({10^{ - 2}}\,J)$ के गुणांक में होगी
एक संधारित्र की धारिता $2\,\mu \,F$ है एवं इसे $50\, V$ तक आवेशित किया गया है। इसमें संचित ऊर्जा है