दो छोटे गोलाकार परस्पर $r$ दूरी पर रखे गये हैं। प्रत्येक पर $q$ वैद्युत आवेश है। यदि एक गोलाकार को दूसरे गोलाकार के चारों ओर $r$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घुमाया जाता है तो सम्पन कार्य होगा
दोनों के मध्य बल $ \times \,r$
दोनों के मध्य बल $ \times \,2\pi r$
दोनों के मध्य बल $/ \,2\pi r$
शून्य
एक आवेशित संधारित्र की प्लेटों के मध्य माध्य विद्युत ऊर्जा घनत्व है (यहाँ $q$= संधारित्र पर आवेश और $A$= संधारित्र की प्लेट का क्षेत्रफल)
एक समान्तर प्लेट संधारित्र जिसकी धारिता $(C)$ $14 \,pF$ है, को एक बैटरी से, प्लेटों के मध्य $V =12\, V$ विभवान्तर तक आवेशित किया जाता है। अब बैटरी को हटाकार एक पोर्सलिन की प्लेट $( k =7)$ को प्लेटों के मध्य रखा गया है, तो प्लेट $........\,pJ$ की नियत यांत्रिक ऊर्जा के साथ प्लेटों के मध्य आगे-पीछे दोलन करने लगेगी।
(माना गया कि कोई घर्षण नहीं है)
एक समांतर पट्टीकीय संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी $d$ और प्लेटों का अनुप्रस्थ परिच्छेदित क्षेत्रफल $A$ है। इसे आवेशित कर प्लेटों के बीच का अचर विधुतीय क्षेत्र $E$ बनाना है। इसे आवेशित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा होगी
$5\,\mu \,F$ धारिता वाले एक संधारित्र को $20\, kV$ के $d.c.$ स्रोत से जोड़ा गया है। संधारित्र को आवेशित करने के लिये आवश्यक ऊर्जा .......$kJ$ है
एक संधारित्र जिसकी धारिता $2\,\mu F$ है इसे $200\, V$ तक आवेशित किया जाता है आवेशन के पश्चात् प्लेटों को एक चालक तार से जोड़ दिया जाता है। उत्पé ऊष्मा जूल में होगी