दो लघु गोले, जिनमें प्रत्येक का द्रव्यमान $10\, mg$ है, $0.5\, m$ लम्बे धागों द्वारा किसी बिन्दु से निलंबित हैं। समान आवेश द्वारा आवेशित करने पर ये एक दुसरे को $0.20\, m$ दूरी तक प्रतिकर्षित करते हैं। प्रत्येक गोले पर आवेश $\frac{ a }{21} \times 10^{-8} \,C$ है। $a$ का मान $......$ होगा। [दिया है : $g =10\, ms ^{-2}$ ]
$10$
$16$
$24$
$20$
दो बिन्दु आवेश $ + \,9e$ तथा $ + \,e$ एक दूसरे से $16$ सेमी. दूर स्थित हैं। अन्य आवेश $q$ को इनके बीच कहाँ रखा जाये कि निकाय सन्तुलन अवस्था में हो
$+8q$ तथा $ - 2q$ के दो बिन्दु आवेश क्रमश: $x = 0$ तथा $x = L$ पर स्थित हैं। $x$-अक्ष पर उस बिन्दु की स्थिति जहां इन आवेशों के कारण नेट विद्युत क्षेत्र शून्य है, क्या है
चित्र में दर्शाए अनुसार किसी समबाहु त्रिभुज के शीर्षो पर स्थित आवेशों $q, q,$ तथा $-q$ पर विचार कीजिए। प्रत्येक आवेश पर कितना बल लग रहा है?
जब इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन के बीच $1.6 \,\dot{A}$ की दूरी है, तो उन दोनों के बीच अन्योन्य आकर्षण के कारण इलेक्ट्रॉन का त्वरण होता है,
$\left(m_{e} \simeq 9 \times 10^{-31}\, kg , \quad e=1.6 \times 10^{-19}\, C \right)$
(लीजिए $\left.\frac{1}{4 \pi \epsilon_{0}}=9 \times 10^{9}\, N\,m ^{2}\, C ^{-2}\right)$
विद्युत आवेशों के मध्य लगने वाले बलों से सम्बन्धित नियम है