$m$ तथा $4 m$ द्रव्यमान वाली दो पतली वृताकार चत्रिकाएँ (discs), जिनकी त्रिज्यायें क्रमशः $a$ तथा $2 a$ हैं, के केन्द्रों को $l=\sqrt{24} a$ लम्बाई की द्रव्यमान-रहित द्रढ़ (rigid) डंडी से जोड़ा गया है। इस समूह को एक मजबूत समतल सतह पर लिटाया गया है और फिसलाये बिना इस तरह से घुमाया गया है कि इसकी कोणीय गति डंडी के अक्ष के गिर्द $\omega$ है। पूरे समूह का बिन्दु ' $O$ ' के गिर्द कोणीय संवेग $\vec{L}$ है (चित्र देखियें)। निम्नलिखित में से कौनसा/कौनसे कथन सत्य है / हैं?

$(A)$ पूरे समूह का संहति-केंद्र $z$-अक्ष के गिर्द कोणीय वेग $\omega / 5$ से घूम रहा है

$(B)$ पूरे समूह के संहति-केंद्र का बिन्दु $O$ के गिर्द कोणीय संवेग का परिमाण $81 ma ^2 \omega$ है

$(C)$ पूरे समूह का उसके संहति-केंद्र के गिर्द कोणीय संवेग का परिमाण $17 ma ^2 \omega / 2$ है

$(D)$ $\vec{L}$ के $z$-घटक का परिमाण $55 m a^2 \omega$ है

222901-q

  • [IIT 2016]
  • A

    $A,C$

  • B

     $A,B$

  • C

    $A,D$

  • D

    $D,C$

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एक व्यक्ति घूर्णी टेबल पर $ \omega $ कोणीय चाल से घूर्णन करता है। वह अपने फैले हुये हाथों में दो समान द्रव्यमान रखे है। बगैर हाथों को घुमाये वह केवल द्रव्यमान को नीचे गिरा देता है। उसका कोणीय वेग किस प्रकार परिवर्तित होगा

$1\,kg$ द्रव्यमान एवं $R$ त्रिज्या का एक गोलीय कोश कोणीय चाल $\omega$ से एक क्षैतिज तल पर चित्रानुसार लोटनी गति कर रहा है। कोश के कोणीय संवेग का मूल बिन्दु $O$ के सापेक्ष परिमाण $\frac{ a }{3} R ^2 \omega$ है तो $a$ का मान होगा।

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एक लोलक (pendulum), द्रव्यमान $m=0.1 kg$ के एक गोलक ($bob$) और लम्बाई $L=1.0 m$ के एक द्रव्यमानरहित (massless) तथा न खींचने वाले (inextensible) धागे से बना है। यह एक घर्षणहीन क्षैतिज फर्श (floor) से $H=0.9 m$ की ऊँचाई पर एक स्थिर बिन्दु से लटका हुआ है। आरंभ में गोलक, फर्श पर निलंबन बिन्दु (point of suspension) से ठीक ऊर्ध्वाधर नीचे स्थिरावस्था में है। किसी क्षण, गोलक को $P=0.2 kg - m / s$ का एक क्षैतिज आवेग (impulse) प्रदान किया जाता है। इस कारण कुछ दूरी तक फिसलने के बाद, गोलक सतह से ऊपर उठ जाता है और धागा तन जाता है (becomes taut) । गोलक के सतह से उठने के तुरंत पहले, निलंबन बिन्दु के सापेक्ष, लोलक का कोणीय संवेग (angular momentum) $J kg-m^2 / s$ है। सतह से उठने के तुरंत बाद लोलक की गतिज ऊर्जा $K$ Joules है।

($1$) $J$ का मान. . . . है।

($2$) $K$ का मान. . . . . है।

दिये गए सवाल का जवाब दीजिये ($1$) और ($2$)

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दो कण जिनमें से प्रत्येक का द्रव्यमान $m$ एवं चाल $v$ है $d$ दूरी पर, समान्तर रेखाओं के अनुदिश, विपरीत दिशाओं में चल रहे हैं। दर्शाइये कि इस द्विकण निकाय का सदिश कोणीय संवेग समान रहता है, चाहे हम जिस बिन्दु के परित: कोणीय संवेग लें।

द्रव्यमान $m$ अचर वेग से $X-$अक्ष के समान्तर एक रेखा में गति कर रहा है। मूलबिन्दु अथवा $Z-$अक्ष के सापेक्ष इसका कोणीय संवेग

  • [IIT 1997]