यदि एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच $4 \times {10^{ - 3}}\,m$ मोटी एक कुचालक पट्टी रख दी जाये तो इसकी धारिता पूर्व मान पर लाने के लिए प्लेटों के मध्य दूरी $3.5 \times {10^{ - 3}}\,m$ से बढ़ानी पड़ती है। पदार्थ का परावैद्युतांक होगा
$6$
$8$
$10$
$12$
$r$ त्रिज्या की प्लेटों को एक-दूसरे से $d$ दूरी पर रखने से निर्मित समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि प्लेटों के बीच $r/2$ त्रिज्या, $d$ मोटाई तथा $6$ परावैद्युतांक वाले पदार्थ की प्लेट रख दी जावे, तो संधारित्र की धारिता होगी
एक $V$ विभवान्तर का विद्युत स्रोत, दो एकसमान संधारित्रों के संयोजन के साथ दर्शाये चित्रानुसार जोड़ा जाता है। जब कुंजी ' $K$ ' बंद होती है, तो संयोजन द्वारा कुल संचित ऊर्जा $E _1$ है। अब कुंजी ' $K$ ' खोल दी गई है, एवं संधारित्रों की पट्टियों के बीच, 5 परावैद्युतांक वाला परावैद्युत पदार्थ भरा गया है। अब संयोजन द्वारा कुल संचित ऊर्जा $E _2$ है। अनुपात $E _1 / E _2$ होगा :
$2C$ व $C$ धारिता वाले दो संधारित्रों को समांतर क्रम में जोड़कर $V$ भव तक आवेशित किया जाता है। बैटरी को हटाकर $C$ धारिता वाले संधारित्र में परावैद्युतांक स्थिरांक $K$ वाला माध्यमपूर्ण रूप से भर दिया जाता है। प्लेटों के बीच अब विभवान्तर होगा
किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र व्यवस्था में संधारित्र की पट्टिका का क्षेत्रफल $2 \,m ^{2}$ तथा दो पट्टिकाओं के बीच पथकन् $1 \,m$ है। यदि पट्टिकाओं के बीच के रिक्त स्थान में $0.5\, m$ मोटाई तथा क्षेत्रफल $2 \,m ^{2}$ (आरेख देखिए) का कोई परावैधुत पदार्थ भर दें, तो इस व्यवस्था की धारिता $.....\,\varepsilon_{0}$ होगी। (पदार्थ का परावैधुतांक $=3.2$ ) (निकटतम पूर्णांक तक पूर्णांकित)
वर्गाकार प्लेटों वाले एक समान्तर प्लेट संधारित्र को चित्रानुसार चार परावैधुतों, जिनके परावैधुतांक $K _{1}, K _{2}, K _{3}$ तथा $K _{4}$ है, से भर दिया जाता है तो प्रभावी परावैधुतांक $K$ का मान होगा?