पतले तार के दो छल्ले, जिनमें प्रत्येक की त्रिज्या $R$ है, अपने अक्षों को संपाती रखते हुए एक दूसरे से $d$ दूरी पर स्थित हैं। इन दोनों छल्लों के आवेश $ + q$ तथा $ - q$ हैं। दोनों छल्लों के केन्द्रों के बीच विभवान्तर है
Zero
$\frac{Q}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\,\left[ {\frac{1}{R} - \frac{1}{{\sqrt {{R^2} + {d^2}} }}} \right]$
$QR/4\pi {\varepsilon _0}{d^2}$
$\frac{Q}{{2\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{1}{R} - \frac{1}{{\sqrt {{R^2} + {d^2}} }}} \right]$
$4$ सेमी त्रिज्या वाले गोले को $6$ सेमी त्रिज्या वाले खोखले गोले के भीतर लटकाया गया है। अन्दर वाले गोले को $3\, e.s.u.$ विभव तक आवेशित किया गया है तथा बाहर वाला गोला पृथ्वी से जुड़ा है। अन्दर वाले गोले पर आवेश.......$e.s.u.$ है
$64$एकसमान बूँदें जिनमें प्रत्येक को ' $10 \mathrm{mV}$ विभव तक आवेशित किया गया है, को मिश्रित करके एक बड़ी बूँद बनायी गई है। बड़ी बूँद का विभव______________$\mathrm{mV}$ होगा।
$\sqrt 2 $ मी. भुजा वाले एक वर्ग के शीर्षों पर $ + 10\,\mu C,\; + 5\,\mu C,\; - 3\,\mu C$ तथा $ + 8\,\mu C$ आवेश रखे गये हैं। वर्ग के केन्द्र पर विभव होगा
त्रिज्या $R$ आवेशित धात्विक पतले खोल के केन्द्र से त्रिज्या दूरी $r$ के साथ स्थिर विधुत विभव के विचरण को दर्शाने वाला ग्राफ है
धातुओं से बने हुए दो गोले $S _{1}$ और $S _{2}$ जिनकी त्रिज्याएँ क्रमशः $R _{1}$ और $R _{2}$ है आवेशित है। यदि इसकी सतह पर विधुत क्षेत्र $E _{1}\left( S _{1}\right.$ पर $)$ तथा $E _{2}\left( S _{2}\right.$ पर $)$ ऐसे हैं कि $E _{1} / E _{2}= R _{1} / R _{2}$ तो इन पर स्थिर वैधुत वोल्टता $V _{1}\left( S _{1}\right.$ पर $)$ तथा $V _{2}\left( S _{2}\right.$ पर $)$ का अनुपात $V _{1} / V _{2}$ होगा :