चित्र में प्रदर्शित स्प्रिंगों से बने निकाय का परिणामी बल नियतांक होगा

94-27

  • A

    $\frac{{{K_1}}}{2} + {K_2}$

  • B

    ${\left[ {\frac{1}{{2{K_1}}} + \frac{1}{{{K_2}}}} \right]^{ - 1}}$

  • C

    $\frac{1}{{2{K_1}}} + \frac{1}{{{K_2}}}$

  • D

    ${\left[ {\frac{2}{{{K_1}}} + \frac{1}{{{K_1}}}} \right]^{ - 1}}$

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समान द्रव्यमान $0.1\, kg$ वाली दो एक सामन गेंदे $A$ तथा $B$ दो एक समान एवं द्रव्यमान विहीन स्प्रिंगों से जुड़ी है। यह ​स्प्रिंग द्रव्यमान निकाय किसी दृढ़, चिकने वृत्तीय एवं क्षैतिज तल में स्थित पाइप में स्थित है जैसा कि दिखाया गया है। दोनों गेंदों के केन्द्र $0.06\, m$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घूमते है। प्रत्येक स्प्रिंग की वास्तविक लम्बाई  $0.06\pi\, m$ एवं स्प्रिंग नियतांक $0.1\,N/m$ हैं प्रारम्भ में दोनों गेंदें व्यास $PQ$ के सापेक्ष $\theta  = \pi /6$ रेडियन कोण से विस्थपित की जाती है। मुक्त करने पर गेंद $B$ के दोलनों की आवृत्ति होगी   

स्प्रिंग् नियतांक $K$ की एक स्प्रिंग् पर $m$ द्रव्यमान लटकाया गया है। अब ​स्प्रिंग् को दो बराबर भागों में काटकर किसी एक पर वही द्रव्यमान लटकाया जाता है, तो नया ​स्प्रिंग् नियतांक होगा

स्प्रिंग् वाली घड़ी को चन्द्रमा की सतह पर ले जाने से यह

प्रदर्शित चित्र में एक द्रव्यमान $m$ दो स्प्रिंगों से जुड़ा है। दोनों स्प्रिंगो के स्प्रिंग नियतांक $K_1$ व $K_2$ है। घर्षण रहित सतह के लिए, द्रव्यमान $m$ के दोलन का आवर्तकाल है:

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