जब किसी एक समान तार से एक निश्चित भार लटकाया जाता है तो उसकी लम्बाई में $1$ सेमी की वृद्धि होती है। यदि उसी पदार्थ एवं लम्बाई के तार के साथ जिसका व्यास आधा हो, वही भार लटकाया जावे तो उसकी लम्बाई में वृद्धि ........ $cm$ होगी
$0.5$
$2$
$4$
$8$
प्रत्यास्थता के ‘‘हुक के नियम’’ के अनुसार यदि प्रतिबल को बढ़ा दिया जाये तो प्रतिबल व विकृति का अनुपात
स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक, पीतल से दो गुना है। एक ही लम्बार्ड तथा एक ही अनुप्रस्थ काट के दो तारों, एक स्टील का तथा एक पीतल का को एक ही छत से लटकाया जाता है । यदि भार लटकाने पर दोनो तारो के निचले सिरे एक ही तल पर है, तो स्टील तथा पीतल के तारो से लटकाये गये भारों का अनुपात होना चाहिये:
$L$ लम्बाई एवं $r$ त्रिज्या का एक तार, अपने एक सिरे पर दृढ़ता से जुड़ा हुआ है। जब तार का दूसरा सिरा, F बल से खींचा जाता है, तो इसकी लम्बाई में $5\,cm$ की वृद्धि होती है। समान पदार्थ का बना, $4 L$ लम्बाई एवं $4 r$ त्रिज्या का कोई दूसरा तार, समान परिसिथतियों के अन्तर्गत $4 F$ बल से खींचा जाता है तो इस तार की लम्बाई में हुई वृद्धि का मान $...........cm$ होगा।
स्टील व तांबे के दो एक समान तार समान बलों द्वारा खींचे जाते हैं। यदि उनकी लम्बाईयों में वृद्धियों का अन्तर $0.5$ सेमी है तो प्रत्येक तार की लम्बाई में वृद्धि $(l)$ होगी [$Ys$ (स्टील) $= 2.0 × 10^{ 11}$ न्यूटन/मीटर व $YC$ (तांबा) $= 1.2 × 10 ^{11}$ न्यू/मी$^2$]
अपने प्रारम्भिक मानों से, एक तार की लम्बाई दोगुनी एवं त्रिज्या आधी कर दी गई है। पदार्थ के यंग नियतांक का मान: