जब काँच की छड़ को सिल्क से रगड़ा जाता है तो यह
सिल्क से इलेक्ट्रॉन प्राप्त करेगी
सिल्क को इलेक्ट्रॉन देगी
सिल्क से प्रोटॉन प्राप्त करेगी
सिल्क को प्रोटॉन देगी
किसी वान डे ग्राफ के प्रकार के जनित्र में एक गोलीय धातु कोश $15 \times 10^{6} V$ का एक इलेक्ट्रोड बनाना है। इलेक्ट्रोड के परिवेश की गैस की परावैध्यूत सामथ्य $5 \times 10^{7} V m ^{-1}$ है। गोलीय कोश की आवश्यक न्यूनतम त्रिज्या क्या है? (इस अभ्यास से आपको यह ज्ञान होगा कि एक छोटे गोलीय कोश से आप स्थिरवैध्यूत जनित्र, जिसमें उच्च विभव प्राप्त करने के लिए कम आवेश की आवश्यकता होती है, नहीं बना सकते।)
अब ऐसा विश्वास किया जाता है कि स्वयं प्रोटोन एवं न्यूट्रॉन ( जो सामान्य द्रव्य के नाभिकों का निर्माण करते हैं) और अधिक मूल इकाइयों जिन्हें कवार्क कहते हैं, के बने हैं। प्रत्येक प्रोटोन तथा न्युट्रोन तीन कवाकों से मिलकर बनता है। दो प्रकार के कवार्क होते हैं : 'अप' कवार्क ( $u$ द्वार निर्दिष्ट) जिन पर $+(2 / 3) e$ आवेश तथा 'डाउन' कवार्क ( $d$ द्वारा निर्दिष्ट) जिन पर $(-1 / 3)$ आवेश होता है, इलेक्ट्रॉन से मिलकर सामान्य द्रब्य बनाते हैं। (कुछ अन्य प्रकार के कवार्क भी पाए गए हैं जो भिन्न असामान्य प्रकार का द्रव्य बनाते हैं।) प्रोटॉन तथा न्यूट्रोन के संभावित कवार्क संघटन सुझाइए।
किसी पिण्ड पर $ - 80\mu C$ आवेश है। इस पर अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या है
एक धातु के गोले $A$ को धनावेश दिया जाता है जबकि दूसरे अन्य एकसमान धातु के गोले को उतना ही ऋणावेश दिया जाता है दोनों के द्रव्यमान समान हैं तो
किसी वस्तु पर न्यूनतम आवेश हो सकता है