उच्च वोल्टेज वाले संधारित्र को जब हम उच्च वोल्टेज हटाने के पश्चात् भी स्पर्श करते हैं तब संधारित्र की प्रवृत्ति है

  • A

    ऊर्जा संचय की

  • B

    ऊर्जा मुक्त करने की

  • C

    भंयकर रूप से प्रभावित करने की

  • D

    दोनों $(b)$ तथा $(c)$

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चित्र में दिखायी ग स्थिति पर विचार करें। संधारित्र $A$ पर आवेश $q$ है, जबकि $B$ अनावेशित है। स्विच $S$ को दबाने (बन्द करने) के लम्बे समायान्तराल के बाद संधारित्र $B$ पर आवेश है

  • [IIT 2001]

$64$ बूदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयी है। यदि प्रत्येक छोटी बूँद की धारिता  $C$, विभव $V$ तथा आवेश $q$ है तो बड़ी बूँद की धारिता है

$500\, \mu F$ धारिता के एक संधारित्र को $100\, \mu C/sec$ की दर से आवेशित करने पर कितने समयान्तराल पश्चात् इस पर $10\, V$ विभव आ.......$sec$ जायेगा

एक आवेशित बेलनाकार संधारित्र के वलयाकार अन्तराल (Annular region) में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता $E$ का परिमाण

  • [IIT 1996]

नीचे दो कथन दिए गए है: एक को अभिकथन $A$ द्वारा निरुपित किया गया है, एवं दूसरे को कारण $R$ द्वारा निरुपित किया गया है।

अभिकथन $\mathrm{A}$ : दो धात्विक गोलों को समान विभव तक आवेशित किया जाता है। इनमें से एक खोखला है एवं दूसरा ठोस है, एवं दोनों की त्रिज्याएँ समान हैं। ठोस गोले पर, खोखले गोले की तुलना में कम आवेश होगा।

कारण $R:$ धात्विक गोलों की धारिता, गोलों की त्रिज्याओं पर निर्भर करती है।

उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:

  • [JEE MAIN 2023]