एक संधारित्र की दो प्लेटों पर विभव क्रमश: $+10\,V$ एवं $-10\,V$ है। यदि एक प्लेट पर आवेश $40\,C$ है तो संधारित्र की धारिता .......$F$ होगी
$2 $
$4$
$0.5$
$0.25$
दो एकसमान धातु की पतली प्लेटों पर क्रमशः $q _1$ और $q _2$ आवेश इस प्रकार है कि $q _1 > q _2 \mid C$ धारिता का एक समानान्तर पट्टिका संधारित्र बनाने के लिए दोनों प्लेटें एक-दूसरे के पास लायी जाती हैं, तो दोनों के बीच विभवान्तर है :
$500\, \mu F$ धारिता के एक संधारित्र को $100\, \mu C/sec$ की दर से आवेशित करने पर कितने समयान्तराल पश्चात् इस पर $10\, V$ विभव आ.......$sec$ जायेगा
दो एकसमान आवेशित गोलाकार बूँदे मिलकर एक बड़ी बूदी बनाती हैं। यदि प्रत्येक बूँद की धारिता $C$ है तो बड़ी बूँद की धारिता
त्रिज्या $R_1$ वाले एक एकाकी चालक गोले की धारिता $n$ गुना हो जाती है, जब इसे $R _2$ त्रिज्या वाले, पृथ्वी से जुड़े हुए एक समकेन्द्रीय चालक गोले के अंदर रखा जाता है। उनकी त्रिज्याओं का अनुपात $\left(\frac{ R _2}{ R _1}\right)$ है:
$1$ मीटर त्रिज्या वाले एक गोलीय चालक की धारिता है (फैरड में)