यदि एक दुर्बल अम्ल के $0.1 \,M$ विलयन को स्थिर ताप पर $0.01\,M$ तक तनु किया गया हो तो क्या होगा
$[{H^ + }]$ $0.01\, M$ तक घटेगा
$pH$ घटेगा
प्रतिशत आयनन बढ़ेगा
${K_a}$ बढ़ेगा
Its Obvious
कमरे के ताप पर एक $ 0.1\,N $ अम्लीय विलयन के आयनन की कोटि $0.1 $ है तो $O{H^ – }$ आयनों की सांद्रता होगी
एक अम्ल इसके $0.2\,\, M$ विलयन में $60\%$ तक आयनित होता है, तो इसका हाइड्रोजन आयन सान्द्रण …….$M$ है
$0.08\, M$ हाइपोक्लोरस अम्ल $(HOCl)$ के विलयन के $pH$ की गणना कीजिए। अम्ल का आयनन स्थिरांक $2.5 \times 10^{-5}$ है। $HOCl$ की वियोजन-प्रतिशतता ज्ञात कीजिए।
एक दुर्वल अम्ल $HX (0.01 M )$ के विलयन की मोलर चालकता (molar conductivity) एक दूसरे दुर्वल अम्ल $HY$ $(0.10 M )$ के विलयन की मोलर चालकता से $10$ गुना कम है। यदि $\lambda_{ X ^{-}}^0 \approx \lambda_{ Y ^{-}}^0$, तब इनके $pK _{ a }$ का अन्तर, $pK _{ a }( HX )- pK _{ a }( HY )$, है (दोनों अम्लों के आयनीकरण की मात्रा (degree of ionization) << $1$)
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