$P-V$ आरेख में प्रदर्शित चक्रीय प्रक्रम में किया गया कार्य है
$PV$
$2PV$
$PV/2$
$3PV$
किया गया कार्य $= PV$ वक्र का क्षेत्रफल
= $(2V – V) \times (2P – P) = PV$
ताप $T$ पर एक आदर्श द्विपरमाणुक गैस के $N$ मोल एक सिलिण्डर में भरे हुए हैं। मान लीजिए गैस को ऊष्मा देने पर इसका ताप नियत रहता है परंतु गैस के $n$ मोल परमाणुओं में टूट जाते हैं गैस को दी गई ऊष्मा है
किसी आदर्श गैस के एक मोल के साथ रुद्धोष्म प्रक्रिया कराने पर ताप में $27^{\circ} C$ से $37^{\circ} C$ की वृद्धि हो जाती है। यदि यह ऐसे बहुपरमाणुक अणुओं से मिलकर बनी है जिनकी $4$ कम्पनिक विधाएं हैं तो निम्नलिखित में से कौन सा सही है ?
$\left[ R =8.314\, J \,mol ^{-1} \,k ^{-1}\right.$ ]
$1$ सेमी$^3$ जल उसके क्वथनांक पर $450$ कैलोरी ऊष्मा का अवशोषण करके $1671$ सेमी$^3$ वाष्प में बदल जाता है। यदि वायुमण्डलीय दाब $= 1.013 \times 10^5$ न्यूटन/मी$^2$ तथा ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक $4.19$ जूल/कैलोरी तो इस प्रक्रिया में अंतर-आण्विक बलों के विरुद्ध खर्च की गई ऊर्जा का मान ….. $cal$ होगा
एक आदर्श गैस को निम्न $PV$ आलेख के अनुसार $ABCA$ के अनुदिश ले जाया जाता है। चक्र के दौरान किया गया कार्य है
हीलियम गैस के दो अणु चक्र $A B C D A$ पर ले जाये जाते हैं, जैसा कि $P-T$ चित्र में दिखाया गया है $D$ से $A$ तक ले जाने में गैस पर किया गया कार्य है
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