दि आप एक घर्षण रहित क्षैतिज धरातल पर खडे़ हों तथा धरातल को दबाने से कोई क्षैतिज बल नहीं लगता हो, तो आप अपने स्थान से हटने के लिये क्या करेंगे
उछलेंगे
जोर से थूकेंगे या छीकेंगे
तल पर लुढ़केंगे
तल पर दौड़ेंगे
$1 \mathrm{~m}$ लंबाई के सरल लोलक में $1 \mathrm{~kg}$ द्रव्यमान का लकड़ी का एक गोलक है। यह $2 \times 10^2 \mathrm{~ms}$ ! की चाल से गतिमान $10^{-2} \mathrm{~kg}$ द्रव्यमान की एक गोली द्वारा टकराता है। गोली गोलक में धँस जाती है। गोलफ पापसा झूलने से पूर्प फिरा ऊँपाई सफल ऊपर पहुँचता है (दिया है : $\mathrm{g}=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ )
$100\,gm$ द्रव्यमान का कोई कण $5\,m/s$ व की चाल से किसी दीवार से चित्र में दर्शाये गए कोण पर टकराता है, तथा उसी चाल से वापस लौट आता है। यदि संपर्क समय $2 \times {10^{ - 3}}\,\sec $ हो, तो कण द्वारा दीवार पर लगाए गए बल का मान है
एक व्यक्ति तुला पर खड़े होकर अपने भार का मापन करता है। यदि वह बायीं ओर एक कदम चलता है, तब
क्रमश: $m_{1}$ तथा $m_{2}$ द्रव्यमान के दो गोले $A$ तथा $B$ आपस में टकरातें हैं, प्रारंभ में $A$ विराम अवस्था में है और $B$ वेग $v$ से $x -$ अक्ष के अनुदिश गतिमान है। टक्क्र के पश्चात् $B$ का वेग उसके प्रारंभिक वेग की लम्बवत दिशा में $\frac{v}{2}$ हो जाता है तो, टक्कर के पश्चात् गोला $A$ की गति की दिशा होगी
$4$ ग्राम तथा $25$ ग्राम की दो वस्तुओं की गतिज ऊर्जाएँ समान है। उनके रेखीय संवेगों का अनुपात है : $\quad$