एक पिण्ड का द्रव्यमान $22.42$ ग्राम तथा आयतन $4.7$ घन सेमी है। इसके मापन में $0.01$ ग्राम तथा $0.1$ घन सेमी की त्रुटि है, तो घनत्व में अधिकतम त्रुटि होगी
$22$
$0.2$
$2$
$0.02$
यदि सभी स्वतंत्र राशियों (independent quantities) की मापन त्रुटियाँ (measurement errors) ज्ञात हो, तो किसी निर्भर राशि (dependent quantity) की त्रुटि का परिकलन (calculation) किया जा सकता है। इस परिकलन में श्रेणी प्रसार (series expansion) का प्रयोग किया जाता है और इस प्रसार को त्रुटि (error) के पहले घात (first power) पर रून्डित (truncate) किया जाता है। उदाहरण स्वरूप, सम्बन्ध $z=x / y$ में यदि $x, y$ और $z$ की त्रुटियाँ क्रमशः $\Delta x, \Delta y$ और $\Delta z$ हों, तो
$z \pm \Delta z=\frac{x \pm \Delta x}{y \pm \Delta y}=\frac{x}{y}\left(1 \pm \frac{\Delta x}{x}\right)\left(1 \pm \frac{\Delta y}{y}\right)^{-1} .$
$\left(1 \pm \frac{\Delta y}{y}\right)^{-1}$ का श्रेणी प्रसार, $\Delta y / y$ में पहले घात तक, $1 \mp(\Delta y / y)$ है। स्वतंत्र राशियों की आपेक्षिक त्रुटियाँ (relative errors) सदैव जोड़ी जाती हैं। इसलिए $z$ की त्रुटि होगी
$\Delta z=z\left(\frac{\Delta x}{x}+\frac{\Delta y}{y}\right) .$
उपरोक्त परिकलन में $\Delta x / x \ll 1, \Delta y / y \ll 1$ माने गये हैं। इसलिए इन राशियों की उच्चतर घातें (higher powers) उपेक्षित हैं।
($1$) एक विमा-रहित (dimensionless) राशि $a$ को माप कर, एक अनुपात (ratio) $r=\frac{(1-a)}{(1+a)}$ का परिकलन करना है। यदि $a$ की मापन की त्रुटि $\Delta a$ है $(\Delta a / a \ll 1)$, तो $r$ के परिकलन की त्रुटि $\Delta r$ क्या होगी ?
$(A)$ $\frac{\Delta \mathrm{a}}{(1+\mathrm{a})^2}$ $(B)$ $\frac{2 \Delta \mathrm{a}}{(1+\mathrm{a})^2}$ $(C)$ $\frac{2 \Delta \mathrm{a}}{\left(1-\mathrm{a}^2\right)}$ $(D)$ $\frac{2 \mathrm{a} \Delta \mathrm{a}}{\left(1-\mathrm{a}^2\right)}$
($2$) एक प्रयोग के आरंभ में रेडियोएक्टिव नाभिकों की संख्या $3000$ है। प्रयोग के पहले $1.0$ सेकंड में $1000 \pm 40$ नाभिकों का क्षय हो जाता है $\mid$ यदि $|x| \ll 1$ हो, तो $x$ के पहले घात तक $\ln (1+x)=x$ है। क्षयांक (decay constant) $\lambda$ के निर्धारण में त्रुटि $\Delta \lambda, s^{-1}$ में, है
$(A) 0.04$ $(B) 0.03$ $(C) 0.02$ $(D) 0.01$
इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$
यदि, $Z =\frac{ A ^2 B ^3}{ C ^4}$, तब $Z$ में सापेक्षिक न्रुटि होगी :
किसी सरल लोलक का आवर्त, $T=2 \pi \sqrt{\frac{L}{g}}$ है। $L$ का मापित मान $20.0\, cm$ है, जिसकी यथार्थता $1\, mm$ है। इस लोलक के $100$ दोलनों का समय $90\; s$ है, जिसे $1 \;s$ विभेदन की घड़ी से मापा गया है। तो $g$ के निर्धारण में यथार्थता ........... $\%$ होगी
एक सरल दोलक के प्रयोग, जिसमें गुरुत्वीय त्वरण $( g )$ मापना है, में $20$ दोलनों का समय एक $1 \,sec$. अल्पतमांक वाली एक विराम घड़ी से मापते हैं। इस समय का माध्य मान $30 \,s$ आता है। दोलक की लम्बाई को $1 \,mm$ अल्पतमांक के पैमाने से मापने पर $55.0 \,cm$ आती है। $g$ के मापन में प्रतिशत त्रुटि का सन्निकट मान .......... $\%$ होगा।
$R _{1}=100 \pm 3$ ओम व $R_{2}=$ $200 \pm 4$ ओम के दो प्रतिरोधकों को $(a)$ श्रेणी क्रम में, $(b)$ पाश्व क्रम में संयोजित किया गया है। $(a)$ श्रेणी क्रम संयोजन तथा $(b)$ पाश्व क्रम संयोजन में तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए। $(a)$ के लिए संबंध $R=R_{1}+R_{2}$ एवं $(b)$ के लिए $\frac{R}{R^{2}} \frac{R_{1}}{R_{1}^{2}} \frac{R_{2}}{R_{2}^{2}}$ का उपयोग कीजिए।