$(a)$ $900 \,pF$ के किसी संधारित्र को $100 \,V$ बैटरी से आवेशित किया गया $[$ चित्र $( a )]$ संधारित्र में संचित कुल स्थिरवैध्युत ऊर्जा कितनी है? $(b)$ इस संधारित्र को बैटरी से वियोजित करके किसी अन्य $900 \,pF$ के संधारित्र से संयोजित किया गया। निकाय द्वारा संचित स्थिरवैध्यूत ऊर्जा कितनी है?

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$(a)$ The charge on the capacitor is $Q=C V=900 \times 10^{-12} F \times 100 V =9 \times 10^{-8} \,C$

The energy stored by the capacitor is

$=(1 / 2) C V^{2}=(1 / 2) Q V$

$=(1 / 2) \times 9 \times 10^{-8} C \times 100 V =4.5 \times 10^{-6} \,J$

$(b)$ In the steady situation, the two capacitors have their positive plates at the same potential, and their negative plates at the same potential. Let the common potential difference be $V ^{\prime} .$ The charge on each capacitor is then $g^{\prime}=C V^{\prime} .$ By charge conservation, $Q ^{\prime}= \beta / 2 .$ This implies $V^{\prime}=V / 2 .$ The total energy of the system is

$=2 \times \frac{1}{2} Q^{\prime} V^{\prime}=\frac{1}{4} Q V$$=2.25 \times 10^{-6} \,J$

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श्रेणी क्रम में जुड़े (संयोजित ) $n_{1}$ संधारित्रों में प्रत्येक की धारिता $C_{1}$ है। इस संयोजन को $4\, V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। एक अन्य संयोजन में $n_{2}$ संधारित्रों को, जिनमें प्रत्येक की धारिता $C_{2}$ है, समान्तर (पाश्र्व) क्रम में जोड़कर, $V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। यदि इन दोनो संयोजनों में संचित ऊर्जा समान (बराबर) हो तो $C_{1},$ के पदों $C_{2}$ का मान होगा

  • [AIPMT 2010]

एक $4\,\mu F$ के संधारित्र को $50\, V$ पर आवेशित करके एक दूसरे $2\,\mu F$ के संधारित्र को $100\,V$ पर आवेशित करके, इस प्रकार जोड़ा जाता है कि समान आवेश की पट्टिकायें एक साथ जुड़े। जोड़ने से पहले और जोड़ने के बाद पूर्ण ऊर्जा $({10^{ - 2}}\,J)$ के गुणांक में होगी

एक समान्तर प्लेट संधारित्र बैटरी से जुड़ा है। इसकी प्लेटों को एकसमान चाल से दूर की ओर खींचा जाता है। यदि प्लेटों के बीच अन्तराल $x$ है, तो संधारित्र की स्थितिज ऊर्जा की समय के साथ परिवर्तन की दर निम्न में से किसके समानुपाती है

एक समान्तर प्लेट संधारित्र $C$ धारिता की एक बैटरी से जुड़ा है और $V$ विभवान्तर से आवेशित है। अन्य $2C$ धारिता का संधारित्र, अन्य बैटरी से जुड़ा है और $2V$ विभवान्तर से आवेशित है। आवेशित करने वाली बैटरी को अब हटा दिया जाता है और संधारित्रों को अब समान्तर क्रम में इस प्रकार जोड़ दिया जाता है कि एक संधारित्र का धनात्मक सिरा, दूसरे के ऋणात्मक सिरे से जुड़े हों। इस विन्यास की अंतिम ऊर्जा है

  • [IIT 1995]

एक समान्तर प्लेट संधारित्र को $50\, V$ के विभवान्तर तक आवेशित किया गया है। इसे एक प्रतिरोध से निरावेशित किया जाता है।  $1$ सैकण्ड बाद, प्लेटों के मध्य विभवान्तर $40 \,V$ रह जाता है तो