एक समान्तर प्लेट संधारित्र जिसकी धारिता $(C)$ $14 \,pF$ है, को एक बैटरी से, प्लेटों के मध्य $V =12\, V$ विभवान्तर तक आवेशित किया जाता है। अब बैटरी को हटाकार एक पोर्सलिन की प्लेट $( k =7)$ को प्लेटों के मध्य रखा गया है, तो प्लेट $........\,pJ$ की नियत यांत्रिक ऊर्जा के साथ प्लेटों के मध्य आगे-पीछे दोलन करने लगेगी।

(माना गया कि कोई घर्षण नहीं है)

  • [JEE MAIN 2021]
  • A

    $872$

  • B

    $972$

  • C

    $784$

  • D

    $864$

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चित्र में दिखाये गये परिपथ में जब स्विच ' $S$ ' को ' $A$ ' से ' $B$ ' स्थिति में लाते है तो धारिता ' $C$ ' तथा कुल आवेश ' $Q$ ' के रूप में, परिपथ में क्षयित ऊर्जा का मान होगा।

  • [JEE MAIN 2019]

संधारित्र के मध्य ऊर्जा रहती है

$60 pF$ धारिता के एक संधारित्र को $20 V$ के स्त्रोत से पूरा आवेशित किया जाता है। तत्तपश्चात् इसे स्त्रोत से हटाकर $60 pF$ के एक दूसरे अनावेशित संधारित्र से पार्श्व संबंधन (parallel connection) में जोड़ा जाता है। जब आवेश पूरी तरह से दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाये तो इस प्रक्रिया में स्थिर वैधुत ऊर्जा की क्षति $nJ$ में होती है।

  • [JEE MAIN 2020]

एक समान्तर प्लेट संधारित्र $C$ धारिता की एक बैटरी से जुड़ा है और $V$ विभवान्तर से आवेशित है। अन्य $2C$ धारिता का संधारित्र, अन्य बैटरी से जुड़ा है और $2V$ विभवान्तर से आवेशित है। आवेशित करने वाली बैटरी को अब हटा दिया जाता है और संधारित्रों को अब समान्तर क्रम में इस प्रकार जोड़ दिया जाता है कि एक संधारित्र का धनात्मक सिरा, दूसरे के ऋणात्मक सिरे से जुड़े हों। इस विन्यास की अंतिम ऊर्जा है

  • [IIT 1995]

धारिता $10\,\mu F$ के $100$ संधारित्र को समान्तर क्रम में जोड़ कर $100\,kV$ विभवान्तर से आवेशित किया जाता है। अगर विद्युत ऊर्जा का मूल्य $108$ पैसे प्रति $kWh$ है तो संधारित्रों में संचित ऊर्जा का मान और आवेशित करने में कुल खर्च हुए पैसे होंगे