$64$एकसमान बूँदें जिनमें प्रत्येक को ' $10 \mathrm{mV}$ विभव तक आवेशित किया गया है, को मिश्रित करके एक बड़ी बूँद बनायी गई है। बड़ी बूँद का विभव______________$\mathrm{mV}$ होगा।
$150$
$140$
$130$
$160$
किसी ($R$) त्रिज्या वाले आवेशित चालक गोले के केन्द्र से त्रिज्मीय दूरी $(\mathrm{r})$ के साथ विधुत विभव $(\mathrm{V})$ में परिवर्तनों को निम्न में से कौन सा विकल्प सही निरूपित करता है ?
तांबे के गोलीय उदासीन कण की त्रिज्या $10 \,nm \left(1 \,nm =10^{-9} \,m \right)$ है। एक समय पर एक इलेक्ट्रॉन दे कर धीरे-धीरे इस कण पर विभव आरोपित करके आवेशित करते है। कण पर कुल आवेश तथा आरोपित विभव के मध्य आरेख निम्न होगा।
$5 \times 10^{-8}\, C$ तथा $-3 \times 10^{-8} \,C$ के दो आवेश $16\, cm$ दूरी पर स्थित हैं। दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के किस बिंदु पर वैध्यूत विभव शून्य होगा? अनंत पर विभव शून्य लीजिए।
मरकरी की $512$ सर्वसम बूंदों में से प्रत्येक को $2\, V$ के विभव तक आवेशित किया गया है। इन सभी बूंदों को मिलाकर एक बड़ी बूंद बनायी गयी है। इस बड़ी बूंद का विभव $.......\,V$ है।
त्रिज्या $R$ के एक वृत्त की परिधि पर $10$ आवेश ऐसे रखे गये हैं जिससे क्रमागत आवेशों के बीच कोणीय दूरी समान रहें। एकान्तर आवेशों $1,3,5,7,9$ के ऊपर क्रमशः $(+q)$ आवेश और $2 ,4,6,8,10$ के ऊपर क्रमशः $(-q)$ आवेश हैं। वृत्त के केन्द्र पर विभव $(V)$ और विधुत क्षेत्र $( E )$ होगी।
(अनन्त पर $V =0$ लीजिए)