यदि बल आघूर्ण का मान शून्य हो, तब
कोणीय संवेग संरक्षित रहता है
रेखीय संवेग संरक्षित रहता है
ऊर्जा संरक्षित रहती है
कोणीय संवेग संरक्षित नही रहता है
एक कण कोणीय संवेग $L$ से एकसमान वृत्तीय गति कर रहा है। यदि कण की गति की आवृत्ति दुगुनी एवं गतिज ऊर्जा आधी कर दी जाए तो कोणीय संवेग होगा
$ 2 $ किग्रा का एक द्रव्यमान $ 0.8 $ मीटर त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर $ 44 $ रेडियन/सैकण्ड के कोणीय वेग से घूम रहा है। यदि पथ की त्रिज्या $ 1 $ मीटर हो जाये तो कोणीय वेग का मान ........ रेडियन/सै होगा
$log_e L$ तथा $log_e P$ के बीच का ग्राफ होगा (जहाँ $L$ कोणीय संवेग तथा $P$ रेखीय संवेग है)
द्रव्यमान $20\, g$ वाले एक कण को चित्रानुसार किसी वक्र के अनुदिश बिन्दु $A$ से प्रारम्भिक वेग $5 \, m / s$ से विरामावस्था से छोड़ा जाता है। बिन्दु $A$, बिन्दु $B$ से ऊँचाई $h$ पर है। कण घर्षणरहित सतह पर फिसलता है। जब कण बिन्दु $B$ पर पहुँचता है तो $O$ के सापेक्ष इसका संवेग $.........\,kg - m^2/s$ होगा।
(दिया है : $g =10 \,m / s ^{2}$ )
यदि पृथ्वी की त्रिज्या अचानक घट जाये तो