स्वतन्त्र घूर्णन करते हुए दो पिण्डों $A$ तथा $B$ के जड़त्व आघूर्ण क्रमश: $I_A$ तथा $I_B$ हैं। $I_A>I_B$ तथा उनके कोणीय संवेग बराबर हैं। यदि $K_A$ तथा $K_B$ उनकी गतिज ऊर्जायें हैं, तब

  • A

    $ {K_A} = {K_B} $

  • B

    $ {K_A} = {K_B} $

  • C

    $ {K_A} < {K_B} $

  • D

    $ {K_A} = 2{K_B} $

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एक पिण्ड का किसी दिये गये अक्ष के परित: जड़त्व आघूर्ण $2.4\,kg{\rm{ - }}{m^2}$ है। $750\,J$ घूर्णन गतिज ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए $5\,\,rad/se{c^2}$ का कोणीय त्वरण इस अक्ष के परित: कितने समय के लिए आरोपित करना होगा ...... $\sec$

द्रव्यमान $M$ व त्रिज्या $R$ वाली एक वृत्ताकार चकती इसकी अक्ष के सापेक्ष कोणीय चाल $\omega_{1}$ से घूर्णन कर रही है। यदि त्रिज्या $\frac{ R }{2}$ व समान द्रव्यमान $M$ वाली एक अन्य चकती को घूर्णन करती चकती पर समाक्षीय रूप से गिराया जाये तो दोनों चकतियाँ धीरे-धीरे नियत कोणीय चाल $\omega_{2}$ प्राप्त कर लेती है। यदि इस प्रक्रिया में ऊर्जा ह्रास, प्रारम्भिक ऊर्जा का $p \%$ हो तो $p$ का मान होगा ......।

  • [JEE MAIN 2020]

एक ठोस गोला लोटन गति में है । लोटन गति में वस्तु की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा $\left( K _{ t }\right)$ के साथ-साथ घूर्णी गतिज ऊर्जा $\left( K _{ r }\right)$ भी होती है । गोले के लिए $K _{ t }:\left( K _{ t }+ K _{ r }\right)$ का अनुपात होगा

  • [AIPMT 1991]

लम्बाई $l$ और द्रव्यमान $m$ की एक पतली एकसमान छड़ अपने एक सिरे से गुजर रही क्षैतिज अक्ष पर स्वतंत्र रूप से दोलायमान है। इसकी अधिकतम कोणीय चाल $\omega$ है। इसका द्रव्यमान केन्द्र इस महत्तम ऊँचाई तक उठेगा

  • [AIEEE 2009]

$50\, cm$ की एक छड़ के एक सिरे को कीलकीत किया है। इसको क्षैतिज से $30^{\circ}$ कोण पर, चित्रानुसार, उठाकर स्थिरावस्था से छोड़ दिया जाता है। जब यह छड़ क्षैतिज अवस्था से गुजरती है तो इसका कोणीय चाल का $rad s ^{-1}$ में मान होगा।

(दिया है $: g =10\, ms ^{-2}$ )

  • [JEE MAIN 2019]