एक गतिपालक चक्र ठोस वृत्तीय पहिये के रूप में है जिसका द्रव्यमान $72$ किग्रा तथा उसकी त्रिज्या $0.5$ मीटर है। यह प्रति मिनट $70$ परिक्रमण करता है, तो इसकी परिक्रमण ऊर्जा ........ $J$ है
$24$
$240$
$2.4$
$2400$
द्रव्यमान $50 \mathrm{~kg}$ की एक ठोस वृत्ताकार चकती एक क्षैतिज फर्श के अनुदिश इस तरह लुढ़कती है कि इसके द्रव्यमान केन्द्र की चाल $0.4 \mathrm{~m} / \mathrm{s}$ है। चकती को रोकने के लिए इस पर किये गये कार्य का विशिष्ट (मानक) मान. . . . . . . . . . जूल है।
$2\, m$ त्रिज्या के एक वलय (छल्ले) का भार $100\, kg$ है। यह एक क्षैतिज फर्श पर इस प्रकार लोटनिक गति करता है कि इसके द्रव्यमान केन्द्र की चाल $20\, cm / s$ हो। इसको रोकने के लिए कितना कार्य करना होगा ?
$ 10 $ किग्रा द्रव्यमान एवं $ 0.5 $ मीटर त्रिज्या की एक वलय अपने व्यास के परित: $ 20 $ रेडियन/सै के वेग से घूर्णन कर रही है। इसकी गतिज ऊर्जा .......... $J$ है
एक समानरूपी लकड़ी के पतले तखते $A B$ की लम्बाई $L$ एवं द्रव्यमान $M$ है को एक मेज्र पर इस प्रकार रखा गया है कि इसका $B$ किनारा मेज के किनारे से थोडा बाहर निकला हुआ है।इस तख्ते के $B$ किनारे पर $J$ आवेग लगाया जाता है | इस आवेग के परिणाम स्वरुप तख्ता ऊपर उठता है और इसका द्रव्यमान केंद्र मेज्ञ के सतह से $h$ ऊंचाई तक चला जाता है | तब,
$m_1$ और $m_2$ द्रव्यमान के दो पिंडों $\left(m_1 > m_2\right)$ को अतन्य हल्की डोरी से जोड़ा जाता है. यह डोरी एक पुली (pully), जिसकी त्रिज्या $R$ तथा उसके घूर्णन अक्ष के सापेक्ष जड़त्व आघूर्ण $I$ है, के ऊपर से गुजरती है. डोरी पुली पर फिसलती नहीं है और पुली बिना घर्षण के घूमती है. इन पिडों को विश्रामावस्था से एक दूसरे से उध्र्वाधर ऊचाई $2 h$ से छोड़ा जाता है. जब दोनों पिड एक दूसरे के पास से गुजरते हैं तो उसकी गति निम्न में से किसके समानुपाती होगी?